"इन आंखों को तलाश तेरी"😏😏😏
अब आगे....
राधा और यश एक दूसरे से बाते कर रहे है केबिन में।
यश- एक बात पूछूं? बुरा मत मानना।
राधा- ओके सर पूछिए?
यश- सर नहीं अपना दोस्त समझो मुझे इस टाइम! अभी मै तुमसे, तुम्हारे दोस्त के जैसे बात करना चाहता हूं।
राधा मन में- कितना बदल रहा है ये हिटलर? कुछ तो बात है इसके बिहेवियर में…? कही ये मुझे फंसा तो नहीं रहा है? दोस्ती करना चाहता है?🤪
यश- क्या हुआ? कहां खो गई? मै इतना भी बुरा नहीं हूं कि तुम्हारा दोस्त भी ना बन पाऊ।
राधा- ठीक है हम दोनों दोस्त है,, पूछो जो भी पूछने का मन है।
यश- तुम्हारा कोई बीएफ है क्या?
राधा ( बीएफ के बारे में क्यों पूछ रहा है? आखिरकार क्या चल रहा हैं इसके दिमाग में?) - नहीं, मुझे किसी बीएफ की जरूरत नहीं है। मै अपनी सिस्टर और मॉम के साथ बहुत खुश हूं।
यश- ओह, नाइस! कल एंगेजमेंट पार्टी में रिया भी आने वाली है। मुझे तुम्हारी हेल्प चाहिए, प्लीज़ मना मत करना?
राधा (अब ना जाने क्या नया ड्रामा क्रिएट करने वाला है ये ड्रामेबाज)- क्या हेल्प कर सकती हूं मै आपकी?
यश- मेरे डैड के बिजनेस पार्टनर की एकलौती बेटी रिया, हाथ धोकर मेरे पीछे पड़ी है। मै उसे झेल नहीं सकता, आई हेट रिया।
(राधा मन में सोच रही है कि यश, आखिर क्या चाहता है?)
राधा- तो मै क्या हेल्प कर सकती हूं?
यश- तुम्हे रिया के सामने मेरी गर्ल फ्रेंड बनने का नाटक करना होगा, प्लीज़ मना मत करना? तुम्हे जो भी चाहिए वो दूंगा मै, आई प्रॉमिस यूं। प्लीज़ मान जाओ?
(राधा असमंजस में पड़ जाती हैं और कुछ बोल नहीं पाती।)
यश- प्लीज़, बचा लो मुझे उस चुड़ैल से। प्लीज़, इस हेल्प के बदले जो भी चाहिए तुम्हे, वो देने के लिए रेडी हूं मैं!
राधा मन में सोच रही है-"अभी तो उसे पैसों कि बहुत जरूरत हैं। अपना और अपने पापा का सपना पूरा करना है, विशु की शादी करनी है। नाटक करना कौन -सी बड़ी बात है, मै रिया के सामने नाटक कर लूंगी ।"
यश- मुझे लग रहा है कि तुम, मुझे अपना दोस्त नहीं समझती हो? ओके बाय, मै किसी और….
राधा- नहीं, ऐसा नहीं है मै ये नाटक करने के लिए तैयार हूं। मुझे क्या करना पड़ेगा बस ये बता दीजिए?
यश मन ही मन मुस्कुरा कर- ज्यादा कुछ नहीं, बस रिया के सामने तुम्हे, ऐसे बिहेव करना होगा जैसे तुम मुझसे बेइंतहा मोहब्बत करती हो।
राधा- थोड़ा मुश्किल काम है, लेकिन मै कर लूंगी।
यश खुश होकर राधा के आगे अपना हाथ बढ़ाता है।
राधा भी हाथ बढ़ाकर यश से हैंड शेक करती हैं ।
यश- ओके, 11 बजने वाला है यही पास में जो होटल हैं मिस्टर राहुल वर्मा का वहीं पर मीटिंग होगी। तुम्हे ही क्लाइंट्स के सामने प्रोजेक्ट को एक्सप्लेन करना है। फिर 01 बजे फार्म हाऊस जाना है डेकोरेशन करने। चलो इंपॉर्टेंट फाइल और प्रोजेक्ट को रख लो, और अभी निकलते हैं मीटिंग के लिए। ये मीटिंग बहुत इंपॉर्टेंट है।
राधा- यस सर, मै रेडी हूं। सब फाइल्स और डॉक्यूमेंट्स मैंने रख लिया है अब कार से चलते है होटल।
राधा और यश कार में बैठकर होटल जा रहे है जहां इंपॉर्टेंट मीटिंग होगी।
थोड़ी ही देर बाद राधा और यश होटल पहुंच गए और कार से उतर कर देखते हैं कि क्लाइंट्स अा चुके है और उनका इंतजार कर रहे है।
यश कार को पार्किंग साइड रखकर लॉक करके चाबी लेकर राधा के पास आता है। राधा ने एक सूटकेस में सारी इंपॉर्टेंट चीजे रख ली है।
यश और राधा एक साथ उन क्लाइंट्स के पास जाते है।
यश हाथ मिलाते हुए- हेल्लो, मिस्टर खन्ना! माफ़ कर दीजिएगा, थोड़ा लेट हो गया मै?
मिस्टर खन्ना (- हाथ मिलाते हुए)- ऐसी बात नहीं है, हम भी जस्ट अभी आए हैं 2 मिनट्स पहले। इसमें माफी मांगने वाली कोई बात नही है इट्स ओके।
यश ( मुस्कुराते हुए)- ये है मेरी पर्सनल सेक्रेट्री मिस राधा, इसने ही प्रोजेक्ट फाइल तैयार कि है जो आपको जरूर पसंद आएगी।
(मिस्टर खन्ना ,राधा को अजीब तरह से देखते हुए हाथ मिलाता है।)
राधा को अजीब- सा महसूस होता है। (मिस्टर खन्ना का बिहेवियर थोड़ा अजीब -सा लगा राधा और यश को)
मिस्टर खन्ना- ये है रोहित (एक सावले से चॉकलेटी ब्वॉय की ओर इशारा करते हुए।) मेरा सेक्रेट्री।
मिस्टर खन्ना- और ये है मैनेजर मिस्टर राजा ओबेरॉय (एक बाइसेप्स से भरे शरीर के मालिक के तरफ इशारा करता है जो अपने हेयर को ब्राउन कलर का किया हुआ है और हल्का ब्लू कलर का चश्मा पहने हुए है।)
राधा किसी से हाथ नहीं मिलाती है । वो यश के साथ खड़ी हुई हैं सूटकेस पकड़कर।
यश- चलिए, अब मीटिंग का टाइम हो गया। होटल में चलकर, मीटिंग स्टार्ट करते है।
सभी होटल की ओर जा रहे हैं राधा, यश के पीछे- पीछे चल रही हैं।
राधा धीरे -धीरे बडबडा रही थी- क्या नाम है मिस्टर राजा ओबेरॉय, राजा नाम रखा है उसके पैरेंट्स ने , क्या अजूबा है? भिखारी की जैसी शक्ल और 100 सालो से नहाया ना हो, ऐसा दिख रहा है उसका चेहरा। हेयर को ,तो पूछो ही मत। एकदम कुत्ते के जैसे भूरे -भूरे हेयर है और ऐसा मुस्कुरा रहा था मुझे देखकर मानो……
यश हंसते हुए- मानो, पूरी दुनिया का राजा हो, छछूंदर कही का।
राधा भी यश कि बात सुनकर हंस रही हैं और दोनों होटल के अंदर पहुंच गए।
यश, राधा, मिस्टर खन्ना, मिस्टर रोहित और मिस्टर राजा ओबेरॉय अपने- अपने चेयर पर बैठ गए।
अब यश पास में रखे सूटकेस को खोलता है और फाइल्स निकालकर राधा को देता हैं।
आज पहली बार राधा मीटिंग में कोई प्रोजेक्ट को एक्सप्लेन करने जा रही थी, वो अपने हैंड वॉच को देखती हैं जो उसके मॉम -डैड की आखरी निशानी है। हैंड वॉच को देखकर राधा को हिम्मत मिलती हैं।
राधा प्रोजेक्ट को एक्सप्लेन करने लगती है जिसे सभी ध्यान से सुन रहे है।
थोड़ी देर बाद…
मिस्टर खन्ना मुस्कुराते हुए- मिस्टर यश, बहुत अच्छा लगा ये प्रोजेक्ट, हम ये डिल पक्की कर रहे है। अब हम दोनों बिजनेस पार्टनर हुए।
रोहित और राजा भी मुस्कुरा रहे है राधा को देखकर।
राजा- वेलडन मिस राधा, आपने बहुत अच्छे तरीके से एक्सप्लेन किया, वेरी गुड।
राजा अपना हाथ आगे बढ़ा रहा था लेकिन राधा सबको इग्नोर करके यश के पास जाकर खड़ी हो जाती हैं जो यश को अच्छा लगता है ।
यश ने राधा से- वेलडन मिस ब्यूटी ।
राधा मुस्कुरा कर- थैंक्स सर, आपकी हेल्प से ही मै ये सब कर पाई।
यश और राधा को बाते करते हुए राजा देख रहा था और थोड़ा अजीब- सा हरकत कर रहा था जिसे राधा और यश इग्नोर कर रहे थे।
यश- मिस्टर खन्ना, कल मेरे भाई का एंगेजमेंट होने वाला है, प्लीज़ आप भी आइएगा?
मिस्टर खन्ना- सॉरी मिस्टर यश, मै और रोहित किसी काम से बाहर जा रहे है इसलिए माफ़ कर देना, मै नहीं अा पाऊंगा। लेकिन मेरी तरफ से तुम अपने भाई को बधाई दे देना। ओके बाय हम अब चलते है। मुलाकात होती रहेगी, और ये प्रोजेक्ट फाइल हमें दे दीजिए, जिससे हम अपना काम शुरू कर सके।
यश उस प्रोजेक्ट फाइल को मिस्टर खन्ना को दे देता है और हाथ मिलकर मिस्टर खन्ना , रोहित और राजा होटल से बाहर आ गए और कार में बैठ गए। कार ड्राइवर,कार स्टार्ट करता है। राजा, कार के विंडो सीट पर बैठा था और राधा को देख रहा था।
इधर यश और राधा बहुत खुश हैं।
यश अपना हैंड वॉच देखता है 01 बजने वाला है।
यश-; कार में बैठो, फार्म हाउस जाना है हमें डेकोरेशन करने।
राधा कार में बैठ जाती हैं और काफी खुश नजर आ रही हैं।
विशु देख रही हैं अपनी सारी ड्रेसेज को ट्राय कर करके।
थोड़ी देर बाद……
विशु रेडी हो गई हैं। आज वो बहुत अच्छी दिख रही हैं पिंक कलर का गाउन, ब्लू कलर की इयरिंग्स, हल्का रेड और पिंक कलर का लिपस्टिक उसे बहुत खूबसूरत दिखा रहा हैं।
यश, राधा को अपनी कार में बैठाकर अपने फार्म हाउस ले जा रहा हैं जिसे आज डेकोरेट करना है राधा को।
रूपेश भी तैयार हो रहा है। आज उसकी खुशी का ठिकाना नहीं है। खुशी इतनी है विशु से मिलने जाने की जिसे वो जाहिर करने में भी असक्षम है। रूपेश ने गलती से टी शर्ट को उल्टा पहन लिया था।
रॉय हाऊस का डोर बेल बजा…
प्रेमा दरवाजे के पास जाकर, दरवाजा खोलती हैं। देखती है कि सामने….
सुलेख मुस्कुराते हुए- हाय, प्रेमा….
प्रेमा सरप्राइज हो कर- ओह नाइस, आप तो 01 बजे आने वाले थे, इतनी जल्दी आ गए।
सुलेख- हां,1 बजे आने वाला था लेकिन मेरा काम जल्दी ही पूरा हो गया और यहां भी तो मेरी जरूरत हैं ना तुम्हे?
प्रेमा- हां, यहां आपकी बहुत जरूरत हैं, कल एंगेजमेंट होगा जिसकी तैयारियां पूरी करनी है जो मै अकेले नहीं कर सकती हूं। एंगेजमेंट की रिंग तैयार हो गई हैं बस उसे लेने जाना है।
सुलेख- हां, हम दोनों चले जाएंगे रिंग को लाने और रही बात फार्म हाऊस को डेकोरेट करने की, उसे यश और उसकी पर्सनल सेक्रेट्री अच्छे से कर लेंगे। कल खाने -पीने में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए, आखिरकार हमारे रूपेश रॉय का एंगेजमेंट होने वाला है।
प्रेमा- चलिए, थोड़ा आराम कर लीजिए फिर बाकी काम आप और मै मिलकर कर लेंगे।
सुलेख अपने रूम में रेस्ट करने चला जाता हैं और प्रेमा किचन में जाकर कॉफी बना रही हैं।
इधर यश और राधा फार्म हाऊस पहुंच गए।
राधा कार से उतर कर साइड में खड़ी होकर, अपने चारो तरफ देखती हैं और कहती हैं-; वाउ, सो ब्यूटीफुल ! कितना अच्छा फार्म हाऊस हैं। वंडरफुल! कितना अच्छा दिख रहा हैं, मन कर रहा है यही बस जाऊ।
(यश मुस्कुराते हुए मन में- तुम्हे तो मै इससे भी अच्छे बंगलो में रानी बनाकर रखूंगा। बस तुम्हे भी मुझसे प्यार हो जाए एक बार फिर मै तेरा, तू मेरी……।)
राधा देखती है कि यश मुस्कुरा रहा है।
राधा- सर, यहीं खड़े रहेंगे तो अपना काम कब शुरू करेंगे? टाइम भी ज्यादा नहीं है कल ही तो एंगेजमेंट है। चलिए जल्दी, हाऊस को डेकोरेट करना है। और आप डेकोरेशन करने……
यश- ओ मिस बुलेट ट्रेन, स्टेशन पर पहुंच गई हो, ब्रेक लगाओ। कितना बोलती हो यार।
दोनों फार्म हाऊस के अन्दर जा रहे है।
दोनों ही बहुत एक्साइटेड हैं और एक दूसरे की हेल्प करते हुए ,एक दूसरे के साथ टाइम स्पेंड कर रहे है।
रूपेश तैयार हो गया है। प्रेमा कॉफी लेकर सुलेख के रूम में जा रही थी तभी रूपेश नीचे आ रहा था।
प्रेमा- बेटा, कहां जा रहे हो इतना सज धज कर?
प्रेमा कि नजर रूपेश की टी शर्ट पर पड़ती हैं, वो हंसने लगती हैं।
रूपेश -क्या हुआ मॉम , मै कोई कार्टून हूं क्या? क्यों हंस रही हो?
प्रेमा-; देख, तूने अपने टी शर्ट को उल्टा पहना है। तेरे दोस्त क्या समझेंगे तुझे? जा ठीक से पहन कर अा।
प्रेमा हंसते हुए सुलेख के रूम में कॉफी कि ट्रे लेकर चली जाती हैं।
रूपेश अपने मन ही मन मुस्कुराता हुआ अपने रूम में जाता हैं और थोड़ी देर बाद ठीक से टी शर्ट पहनकर आता है और सीधे कार को निकालकर विशु के घर की तरफ, कार ड्रइविंग करने लगता है।
विशु भी रेडी होकर, अपने घर के डोर को लॉक करके, रूपेश की राह देख रही है।
प्रेमा देखती है कि सुलेख की आंख लग गई हैं वो मुस्कुराते हुए कॉफी का ट्रे लेकर किचन में चली जाती हैं।
विशु और रूपेश डेट पर जा रहे हैं और दूसरी ओर रॉय हाऊस में रूपेश और लवली कि एंगेजमेंट की तैयारी हो रही है।
आपको ये पार्ट कैसा लगा?
आगे की कहानी अगले पार्ट में……