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आधुनिक बोध

रामधारी सिंह दिनकर

6 अध्याय
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4 पाठक
25 अप्रैल 2022 को पूर्ण की गई
निःशुल्क

इस पुस्तक में आधुनिकता पर केन्द्रित निबन्ध हैं। एक युगद्रष्टा राष्ट्रकवि के मौलिक चिन्तन से ओतप्रोत विचारोत्तेजक ये निबन्ध आधुनिकता के महत्त्व को इस तार्किकता के साथ रेखांकित करते हैं कि पाठकों को अपने राष्ट्र के प्रति एक नई दृष्टि मिल सके। आधुनिकता की परिभाषा क्या है? धर्म, साहित्य और समाज को वह किस सीमा तक प्रभावित करती है? प्रस्तुत संग्रह के निबन्धों में दिनकर जी ने इन ज्वलन्त प्रश्नों पर न केवल गहराई से विचार किया है, 'आधुनिक बोध' रामधारी सिंह 'दिनकर' के चिन्तकस्वरूप को उद्घाटित करनेवाली एक श्रेष्ठ बौद्धिक कृति है।  

aadhunik bodh

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पुस्तक के भाग

1

आधुनिकता और भारत–धर्म

22 फरवरी 2022
2
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आजकल मेरा ध्यान इस सवाल की ओर बार-बार जाता है कि आज से सौ-पचास वर्ष बाद भारत का रूप क्या होने वाला है। क्या वह ऐसा भारत होगा, जिसे कंबन, कबीर, अकबर, तुलसीदास, विवेकानंद और गांधी पहचान सकेंगे अथवा बदलक

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साहित्य पर विज्ञान का प्रभाव

22 फरवरी 2022
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कवि और वैज्ञानिक के बीच समता क्या है , भेद क्या है ? समता सिर्फ एक बात को लेकर है कि कवि और वैज्ञानिक , दोनों प्रेरणा के आलोक में काम करते हैं । जैसे संसार की सभी श्रेष्ठं कविताएँ प्रेरणा की कौंध से ज

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परम्परा और भारतीय साहित्य

22 फरवरी 2022
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यूरोप के एक लेखक ने लिखा है, ‘‘यूरोप नियम है, एशिया मन की तरंग है। यूरोप कर्तव्य है, एशिया मनोदशा है। यूरोप तथ्यात्मक और वस्तुपरक है, एशिया वैयक्तिक और आत्मनिष्ठ है। यूरोप आदमी है, एशिया बच्चा और बूढ़

4

स्फुट चिन्तन

22 फरवरी 2022
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1 परम्परा और आधुनिकता का द्वन्द्व आज फिर सताने लगा। सोचता हूँ, विरासत में हमें जो कुछ मिला है, वह जुगाने के लिए मिला हैय रक्षा, पालन और विकास के लिए मिला है। यह चिन्तन का एक पक्ष है। मगर फिर शंका उठत

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साहित्य में आधुनिकता

22 फरवरी 2022
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आधुनिकता कोई मूल्य नहीं है , बल्कि अत्याधुनिक कवि और लेखक जो कुछ लिखते हैं , उससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि वह मूल्यों के विघटन का पर्याय है । इधर तीन - चार वर्षों में आधुनिकता का वृत्त जिस तेज़ी

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हमारी संस्कृति और आधुनिकता

22 फरवरी 2022
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बहुत-से विद्वानों और चिन्तकों ने इस बात को लेकर चिन्ता प्रकट की है कि भारतीय समाज आधुनिकता से बहुत दूर है और भारत के लोग अपने-आपको आधुनिक बनाने की कोशिश भी नहीं कर रहे हैं। नैतिकता, सौन्दर्यबोध और अध

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