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वेणुवन

रामधारी सिंह दिनकर

7 अध्याय
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2 पाठक
25 अप्रैल 2022 को पूर्ण की गई
निःशुल्क

राष्ट्रकवि दिनकर के इस 'वेणुवन' में लेख भी हैं, निबन्ध भी और काल्पनिक संवाद भी। यह चिन्तन-मनन के अभयारण्य की तरह है जिसका आकर्षण और प्रभाव अन्त तक बना रहता है। इसमें शामिल हर पाठ अपने रंग में रँगने की क्षमता रखता है। 'अर्धनारीश्वर' में दिनकर नर-नारी को एक द्रव्य की ढली दो प्रतिमाएँ मानते हुए रेखांकित करते हैं कि 'जिस पुरुष में नारीत्व नहीं, वह अधूरा है और जिस नारी में पुरुषत्व नहीं, वह भी अपूर्ण है।'कबीर साहब से भेंट' काल्पनिक ही सही, लेकिन दिनकर ने अपने तात्कालीन समस्याओं के मद्देनजर अद्भुत और अविस्मरणीय संवाद को रचा है। 

venuvan

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पुस्तक के भाग

1

कलाकार की सफलता

22 फरवरी 2022
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सारे संसार के लोग सफलता चाहते हैं। किन्तु सफलता तो गोल–मटोल शब्द है जिसके प्रसंगानुसार, अनेक अर्थ हो सकते हैं। परीक्षा में पास करने और अदालत में मुकदमा जीतने से लेकर अच्छी शादी, अच्छा व्यापार, अच्छी ख

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जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी

22 फरवरी 2022
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महाकवि इकबाल का एक गीत भारत में बहुत प्रचलित है : सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा । हम बुलबुले हैं इसके , यह गुलसितां हमारा ॥ किन्तु इकबाल से बहुत पहले यह भाव बंगाल में जन्मा था , जहाँ के महाक

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संस्कृति-संगम -2

22 फरवरी 2022
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भारतीय संस्कृति के लम्बे इतिहास से जो शिक्षा निकलती है , वह यह है कि जब-जब बाहर के लोग काफी बड़ी संख्या में भारत आए , तब-तब भारतीय संस्कृति में महाक्रान्ति घटित हुई और उसका रूप पहले की अपेक्षा बहुत अध

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शान्ति की समस्या

22 फरवरी 2022
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प्रवृत्ति और निवृत्ति, ये धर्म की राजनीति हैं, जैसे इलियट ने क्लासिसिज्म और रोमांटिसिज्म को साहित्य की राजनीति कहा है। फिर भी, यह ठीक है कि प्रवृत्ति की अधिकता मनुष्य को लोभी और पर–पीड़क बना देती है। इ

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आदर्श मानव राम

22 फरवरी 2022
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आदर्श मानव कौन है, इसका समाधान उतना ही कठिन है जितना इस प्रश्न का कि आदर्श कर्म क्या है। अथवा आदर्श आचरण किसे कहते हैं। एक परिस्थिति में जो आचरण अधर्म माना जाता है, दूसरी परिस्थिति में वहीं धर्म का रू

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संस्कृति-संगम-1

22 फरवरी 2022
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 न जहाँ तक जाना जा सका है , भारतवर्ष का इतिहास यह मिलता है कि यहाँ द्रविड़ पहले और आर्य बाद को आए थे और द्रविड़ों के भी पूर्व यहाँ नीग्रो और औष्ट्रिक जातियों के लोग बसे थे जिनकी सन्ततियाँ आज वनों में

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बौद्ध धर्म की विश्व-व्यापकता

22 फरवरी 2022
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केवल बौद्ध धर्म ही क्यों , संसार में जितने भी धर्म हैं , विश्व - व्यापकता का गुण थोड़ा - बहुत सबमें है । बिलगाव को लें तो बौद्ध मत ईसाइयत और इस्लाम से अलग मत है क्योंकि बौद्ध लोग पुनर्जन्म में विश्वास

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