shabd-logo
Shabd Book - Shabd.in

उर्वशी

रामधारी सिंह दिनकर

6 अध्याय
8 लोगों ने लाइब्रेरी में जोड़ा
18 पाठक
25 अप्रैल 2022 को पूर्ण की गई
निःशुल्क

उर्वशी रामधारी सिंह 'दिनकर' द्वारा रचित काव्य नाटक है। ... पुरुरवा के भीतर देवत्व की तृष्णा और उर्वशी सहज निश्चित भाव से पृथ्वी का सुख भोगना चाहती है। उर्वशी प्रेम और सौन्दर्य का काव्य है। प्रेम और सौन्दर्य की मूल धारा में जीवन दर्शन सम्बन्धी अन्य छोटी-छोटी धाराएँ आकर मिल जाती हैं। 

urvashi

0.0(1)

पुस्तक के भाग

1

पात्र परिचय

21 फरवरी 2022
10
0
0

पात्र परिचय पुरुष पुरुरवा: वेदकालीन, प्रतिष्ठानपुर के विक्रमी ऐल राजा, नायक महर्षि च्यवन: प्रसिद्द; भृगुवंशी, वेदकालीन महर्षि सूत्रधार: नाटक का शास्त्रीय आयोजक, अनिवार्य पात्र कंचुकी: सभासद: प

2

तृतीय अंक

21 फरवरी 2022
2
0
0

 तृतीय अंक आरम्भ पुरुरवः ! पुनरस्तं परेहि, दुरापना वात इवाहमस्मि -ऋग्वेद हे पुरुरवा ! तुम अपने घर को लौट जाओ मैं वायु के सामान दुष्प्राप्य हूँ (गंधमादन पर्वत पर पुरुरवा और उर्वशी) पुरुरवा जब स

3

चतुर्थ अंक

21 फरवरी 2022
3
0
0

चतुर्थ अंक आरम्भ विस्मृताअभिनयं सर्वं यत्पुरातन-वेदितम्, शशाप भरत: कोपात् वियोगात्तस्य भूतले -पद्म्पुराण् एष दीघायुरायुर्जात्मात्र एव उर्वश्या किमपि निमित्तमवेक्ष्य मम् हस्ते न्यासीकृत: -विक्रम

4

पंचम अंक

21 फरवरी 2022
0
0
0

 पंचम अंक आरम्भ  अहमपि तव सूनावद्य विन्यस्य राज्यम्  विचरित्मृग्यूथान्याश्रयिष्ये वनानि  -विक्रमोर्वशीयम्  क्रन्दंस देशदेशेषु बभ्राम नृपति: स्वयं।  -देवीभागवत  अवेत्य शापदोषं तं सोअथ गत्वा पुरुर

5

प्रथम अंक

25 मार्च 2022
3
0
0

प्रथम अंक आरम्भ साधारणोंअयमुभ्यो: प्रणयः स्मरस्य, तप्तें ताप्त्मयसा घटनाय योग्यम._ विक्रमोर्वशीयम राजा पुरुरवा की राजधानी, प्रतिष्ठानपुर के समीप एकांत पुष्प कानन; शुक्ल पक्ष की रात; नटी और सूत्रधा

6

द्वितीय अंक

25 मार्च 2022
2
0
0

द्वितीय अंक आरम्भ प्रियवचनशतोअपि योषितां दयितजनानुनयो रसादृते, प्रविशति हृदयं न तद्विदां मणिरिव कृतिमरागयोजित: -विक्रमोर्वशीयं [प्रतिष्ठानपुर का राजभवन : पुरुरवा की महारानी औशीनरी अपनी दो सखियों

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए