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रेती के फूल

रामधारी सिंह दिनकर

15 अध्याय
1 व्यक्ति ने लाइब्रेरी में जोड़ा
2 पाठक
25 अप्रैल 2022 को पूर्ण की गई
निःशुल्क

ज़िन्दगी के असली मजे उनके लिए नहीं हैं जो फूलों की छांह के नीचे खेलते और सोते हैं । बल्कि फूलों की छांह के नीचे अगर जीवन का कोई स्वाद छिपा है तो वह भी उन्हीं के लिए है जो दूर रेगिस्तान से आ रहे हैं जिनका कंठ सूखा हुआ, होंठ फटे हुए और सारा बदन पसीने से तर है । 

reti ke fool

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पुस्तक के भाग

1

हिम्मत और ज़िन्दगी

21 फरवरी 2022
1
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ज़िन्दगी के असली मजे उनके लिए नहीं हैं जो फूलों की छांह के नीचे खेलते और सोते हैं । बल्कि फूलों की छांह के नीचे अगर जीवन का कोई स्वाद छिपा है तो वह भी उन्हीं के लिए है जो दूर रेगिस्तान से आ रहे हैं जि

2

ईर्ष्या, तू न गई मेरे मन से

21 फरवरी 2022
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मेरे घर के दाहिने एक वकील रहते हैं,जो खाने पीने में अच्छे हैं दोस्तों को भी खूब खिलाते हैं और सभा सोसाइटियों में भी भाग लेते हैं। बाल बच्चों से भरा पूरा परिवार नौकर भी सुख देने वाले और पत्नी भी अत्यन्

3

कर्म और वाणी

21 फरवरी 2022
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महाकवि अकबर सर सैयद अहमद खाँ के कड़े आलोचकों में से थे । मगर जब सर सैयद का देहान्त हो गया , तब अकबर साहब ने बड़ी ही ईमानदारी के साथ लिखा :- हमारी बातें ही बातें हैं , सैयद काम करता था , न भूलो फर्क

4

विजयी के आँसू

21 फरवरी 2022
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[ महाभारत के अनन्तर महाराज युधिष्ठिर के परिताप की कल्पना ] कुरुक्षेत्र का युद्ध समाप्त हो गया । लड़ाई के पहले वीरों की श्रेणी में जो भी गिने जाने के योग्य थे , वे प्रायः सब - के - सब युद्ध भूमि में स

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भविष्य के लिए लिखने की बात

21 फरवरी 2022
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रामचरितमानस के मंगलाचरण में तुलसीदास जी ने कहा है कि रामायण की रचना मैं अपने अन्त:सुख के लिए कर रहा हूँ। प्रत्येक कलाकार यही कहता है और यह ठीक भी है; क्योंकि रचना की प्रक्रिया से आनन्द नहीं मिले तो को

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हिन्दी कविता में एकता का प्रवाह

21 फरवरी 2022
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अकसर देखा गया है कि किसी देश के लोगों में राष्ट्रीयता का भाव उस समय पैदा होता है, जब वह देश किसी और देश का गुलाम हो जाता है। जब मुसलमान हिन्दुस्तान के शासक हुए, तब इस देश में राष्ट्रीयता को जन्म देनेव

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भगवान बुद्ध

21 फरवरी 2022
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एक बार सर हरिसिंह गौड़ ने गांधीजी को यह परामर्श दिया था कि हिन्दू धर्म के उसी रूप का प्रचार किया जाना चाहिए, जिसका आख्यान बुद्धदेव ने किया है। इस परामर्श को मैं तनिक भी अस्वाभाविक नहीं मानता, क्योंकि

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भारत एक है

21 फरवरी 2022
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अक्सर कहा जाता है कि भारतवर्ष की एकता उसकी विविधताओं में छिपी हुई है, और यह बात जरा भी गलत नहीं है, क्योंकि अपने देश की एकता जितनी प्रकट है, उसकी विविधताएँ भी उतनी ही प्रत्यक्ष हैं। भारतवर्ष के नक्शे

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चालीस की उम्र

21 फरवरी 2022
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चालीस की उम्र कहते हैं , जवानी शरीर में नहीं , शरीर के भीतर कहीं दिल में रहती है । भीतर से फूटनेवाला उमंगों का फव्वारा जिनका ताजा और जवान है , वे उम्र के उतार के मौसम में भी जवान ही रहते हैं । फिर भी

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हृदय की राह

21 फरवरी 2022
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मनुष्य दूरवीक्षण - यन्त्र से तारों को देखता तथा गणित के नियमों से उनकी पारस्परिक दूरी को मापता है । यह है मनुष्य की बुद्धि । मनुष्य रात की निस्तब्धता में आकाश की ओर देखते - देखते स्वयं अपने हाथ से से

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खड्ग और वीणा

21 फरवरी 2022
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बहुत दिनों की बात है । एक बार भूकम्प और अग्निकांड - दोनों का धरती पर साथ ही आक्रमण हुआ । महल गिर गए ; झोपड़ियाँ जलकर खाक हो गईं । कहीं नई जमीन पानी में से निकल आई ; कहीं बसे - बसाए नगर समुद्र में समा

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कला, धर्म और विज्ञान

21 फरवरी 2022
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हिन्दी-प्रान्तों में आजकल साहित्य-सभाओं की धूम है। यह अच्छी बात है, क्योंकि इससे मालूम होता है कि देश की जनता राजनीति से ऊब रही है अथवा राजनीति को वह अब काफी नहीं समझती। हम छिलके से बीज की ओर, कर्म से

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राष्ट्रीयता और अंतर्राष्ट्रीयता

21 फरवरी 2022
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सामान्य मनुष्य को हम जिस गज से मापते हैं, महापुरुषों की ऊँचाई और विस्तार उसी गज से मापे नहीं जा सकते । दूसरी बात यह है कि महापुरुषों का मस्तिष्क इतना विशाल होता है कि उसमें एक साथ दोनों ध्रुव निवास कर

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नेता नहीं, नागरिक चाहिए

21 फरवरी 2022
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सन उन्नीस सौ बीस-इक्कीस के जमाने में एक विज्ञापन पढ़ा था : 'क्या आप स्वराज्य चाहते हैं? तो लेक्चर देना सीखिए।' इश्तहार छपवानेवाला कोई पुस्तक विक्रेता था जो इस विज्ञापन के जरिए अपनी किसी किताब की बिक्र

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संस्कृति है क्या ?

21 फरवरी 2022
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संस्कृति एक ऐसी चीज है जिसे लक्षणों से तो हम जान सकते हैं, किन्तु उसकी परिभाषा नहीं दे सकते। कुछ अंशों में वह सभ्यता से भिन्न गुण है। अंग्रेजी में कहावत है कि सभ्यता वह चीज है जो हमारे पास है, संस्कृत

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