हम आजाद हैं अब लेकिन आपने कभी सोचा है कि आजादी के तुरंत बाद जब देश ने खुद अपनी बागडोर संभाली तो चीजों के दाम कितने थे। जैसे कि सब जानते हैं समय किसी की प्रतीक्षा नही करता , वो हर पल हर घड़ी बदलता रहता है और वक्त के साथ ही उससे जुड़ी हर चीज बदल जाती है लेकिन वो पुरानी यादें ही है जो हमे अपने बिते हुए काल का एहसास कराती है ।
हमारे देश को आजाद हुए 70 साल हो गए है और इन 70 सालों में पूरा देश बदल चुका है । लेकिन दोस्तो हम आपको ये बतायेंगे की आज से 70 साल पहले 1947 के अगस्त महीने में कैसा रहा होगा हमारा देश ! और उस वक्त विभित्र चीजो का मूल्य क्या था ?
आज महंगाई ने हर चीज में अपनी हद पार कर दी है, बेशक सैलरी ओर लाइफस्टाइल में परिवर्तन आया है लेकिन आजादी के बाद इतनी महंगाई न थी कि सामान्य इंसान आसानी से अपना जीवन निर्वाह न कर सके । उस वक़्त किसी वस्तु की कीमत रुपए , पैसे , आने और पाए में होती थी । 1 रुपये का सिक्का तो नकद चांदी में हुआ करता था ओर रुपये की कीमत 16 आने यानी 64 पैसे थी और उस वक़्त 1 डॉलर की कीमत 1 रुपये जितनी ही थी और उस वक़्त रुपया इतना शक्तिशाली था कि रोजाना की खरीदारी चिल्लर में ही हो जाया करती थी ।
उस वक़्त में वस्तुओं की कीमत – उस समय मे चावल 65 पैसे प्रति किलो के दाम पर और गेहूं 26 पैसे में ही मिल जाते थे । चीनी जब 57 पैसे प्रति किलो थी । पेट्रोल उस समय इंटरनेशनल मार्किट में लगभग 40 पैनी थी । पानीपूरी ओर आलूचाट का एक प्लेट का 1 आना लिया जाता था ।
उस दौर में मुम्बई में विक्टोरिया नाम की टुक-टुक घुड़सवारी में आने जाने के लिए 1.5 किमी का 1 आना लिया जाता था । तब अहमदाबाद से मुम्बई तक की हवाई यात्रा मात्र 18 रुपये में होती थी । तब तेनाली-रामा जैसी बुक 1.5 रुपये में आती थी । उस जमाने मे फ़िल्म की टिकट 40 पैसे से लेकर 8 आने तक मिल जाती थी । आज के दौर में 1947 के ये दाम हमे भले ही चिल्लर जैसे लगते हो लेकिन ये भी है तब भारत के लोगो की प्रति व्यक्ति आय 150 रुपये से ज्यादा नही थी । उस वक़्त इतनी कम तनख्वाह में भी कम खर्च में आसानी से जीवन निर्वाह हो जाता था ।
आजादी के बाद 1947 में भारत में कितनी थी महंगाई, चीजों का रेट जानकर पैरों तले जमीन खिसक जाएगी