एटीएम से कैश गायब है। सवाल उठ रहा है कि आखिर पैसा कहां चला गया। इन्हीं सवालों से बैंक के ग्राहक जूझ रहे हैं। बैंक अधिकारी भी परेशान हैं। वहीं दूसरी ओर ग्रामीण इलाकों में स्थिति और खराब है। खासकर, शादी-विवाह का मौसम है, लोगों ने अपनी जमा पूंजी बैंकों में इसी आड़े वक्त के लिए जमा की थी।
अब हालत कुछ ऐसे हो चुके हैं की अब बैंक में जाने के बाद बेटी की शादी की दुहाई देने वाले ग्राहकों को बैंक मैनेजर द्वारा शादी का कार्ड मांगा जा रहा है। जिसे देखने के बाद पैसा दिया जा रहा है। 50 हज़ार की जरुरत बताने पर पांच हजार से काम चलाने को कहा जा रहा है। बीस हजार निकालने की बात कहने पर, दो हजार से काम चलाने को कहा जा रहा है।
चारों ओर त्राहिमाम मचा हुआ है। हाल के दिनों में पैसे और कैश को लेकर बिहार के विभिन्न जिलों से कई खबरें आयी हैं। इन खबरों की मानें, तो बैंक और ग्राहकों के बीच तनाव की स्थिति बन गयी है। कहीं-कहीं झड़प की स्थिति भी बनी हुई है। आइए जानते हैं, वैसी कुछ समस्याएं, जिससे लोग दो-चार हो रहे हैं।
आसपास नजर दौड़ाइये SBI के किसी एटीएम में पैसा नहीं मिलेगा। यह स्थिति पिछले दो महीने से है। बैंकों में भी पैसा नहीं है, ग्रामीण इलाके में पैसे को लेकर रोज कच-कच होता है। आप 20 हजार निकालने जाएं तो बैंक वाला कहता है दो हजार से काम चला लीजिये। आप उखड़ जाते हैं, हमारा ही पैसा है हमहीं क्यों नहीं निकाल सकते। बहस होती है, फिर झगड़े की नौबत आ जाती है।
छपरा में एक बैंक में मारपीट के बाद मैनेजर ने इस्तीफा दे दिया और बैंक अनिश्चितकाल के लिये बंद कर दिया गया। मधुबनी में एक महिला ने बैंक मैनेजर पर मुकदमा कर दिया कि इसी की वजह से उसके पति की मौत हो गयी। बैंक ने पैसा नहीं दिया, पति का इलाज नहीं हो पाया। छपरा में ही एक ग्रामीण बैंक में SHG की महिलाओं ने बैंक कर्मियों को चप्पल से पीट दिया। कुछ बैंक कर्मियों का कहना है कि हम तो परेशान हैं, RBI पैसा जारी नहीं कर रहा। हमें कई दफा 2 लाख रुपये में पूरे दिन बैंक चलाने का प्रेशर रहता है।
मामला सिर्फ बिहार का नहीं है। आंध्रप्रदेश, तेलांगना, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश समेत देश के कई राज्यों में यह विकराल स्थिति है। तेलांगना में एक RTI से पता चला कि पिछले सात आठ महीनों से SBI को जारी होने वाला पैसा एक तिहाई रह गया है। यूपी के खबर आयी है कि दो हजार के नोट बैंक में वापस नहीं आ रहे। इसलिये RBI ने भी जारी करना बंद कर दिया है। कुल मिलाकर एक अघोषित नोटबंदी की स्थिति है, मगर कोई कुछ बता नहीं रहा।
दिल्ली में इस मसले पर RBI, राज्य सरकार और बैंकों की बैठक हुई। मगर इस बैठक के बाद बयान जारी किया गया कि सब ठीक है। छोटी मोटी गड़बड़ियां हैं। मगर ग्रामीण इलाकों की स्थिति विस्फोटक है। जिसे बीमारी, पढ़ाई-लिखाई, या शादी ब्याह के लिये अधिक पैसा चाहिए वे परेशान-परेशान हैं। बैंक कर्मी भीषण किस्म का तनाव झेल रहे हैं। मगर बैंक के अफसर, RBI के अधिकारी या सरकार कोई कुछ बोलने के लिये तैयार नहीं है।