जोधपुर : पॉक्सो एक्ट में बदलाव के बाद बुधवार (25 अप्रैल) को जोधपुर कोर्ट आसाराम के खिलाफ नाबालिगसे यौन शोषण मामले में फैसला सुना दिया है. विशेष न्यायाधीश ने मधुसूदन शर्मा ने मामले की सुनवाई करते हुए आसाराम को दोषी करार दिया है. कयास लगाए जा रहे हैं कि शाम तक आसाराम की सजा का ऐलान भी हो सकता है. कोर्ट आसाराम को 10 साल आजीवन कारावास की सजा सुना सकती है.
आसाराम का दोष निर्धारण था तय
फैसले से पहले ही आसाराम का दोषी होना तय माना जा रहा था. ऐसा इसलिए है क्योंकि पीड़िता ने 27 दिन लंबी जिरह में 94 पन्नों का बयान दर्ज कराया था. पुलिस की पूछताछ के दौरान पीड़िता ना तो डरी और ना ही उसने एक बार भी बयान से पलटी. इस मामले में अभियोजन की कहानी को सहारा देने वाले कृपालसिंह की भी हत्या की जा चुकी है, जिसका आरोप आसाराम पर ही लगा था. कृपाल सिंह की मौत के बाद से ही इस बात को बल मिल रहा था कि आसाराम दोषी है और अपने बचाव के लिए गवाहों की हत्या करवा रहा है.
आसाराम पर गंभीर है आरोप...
उल् लेख नीय है कि भारत में जब मामला लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ होता है तो अपराध गंभीर माना जाता है. इसके साथ ही नाबालिग को जिस व्यक्ति के संरक्षण में रखा जाता है और वही उसका रेप करता है तो मामला और भी संगीन हो जाता है. इसलिए आसाराम का आरोपी होना पहले से ही तय माना जा रहा था.
पीड़िता के पिता ने मांगे थे 50 करोड़
बता दें कि इस मामले में 2008 में कोर्ट में आसाराम के वकील ने पीड़िता के पिता पर 50 करोड़ रुपये मांगने का आरोप लगाया था. हालांकि वकील कोर्ट में इस बात को साबित करने में नाकामयाब रहे थे.
जेल में ही रहेगा आसाराम!
आसाराम के खिलाफ पॉक्सो एक्ट 2012 के तहत मामला दर्ज किया गया था. जिस वक्त उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था पीड़िता की उम्र 17 साल की थी. इसके बाद उन पर द क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट 2013 में रेप की परिभाषा में बदलाव हुए और उन पर 376 धारा के तहत मामला दर्ज किया गया. ये सभी धाराएं ऐसी हैं, जिसमें 10 साल की सजा होना तो तय है. कुछ मामलों में उम्रकैद भी हो सकती है.