भुवनेश्वर/अहमदाबादःअहमदाबाद-पुरी एक्सप्रेस ट्रेन के 22 कोच शनिवार रात को ओडिशा में बिना इंजन के 13 किलोमीटर तक चले गए। रात के अंधेरे में लगभग आधे घंटे के इस अनिश्चितता भरे सफर में किस्मत से हादसा नहीं हुआ और करीब 1000 यात्री सुरक्षित रहे। कोचों को चढ़ाई पर धीमे होने पर पटरी पर पत्थर लगाकर रोका गया। घटना के बाद सात रेलकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। रेलवे प्रवक्ता ने बताया कि ईस्ट कोस्ट रेलवे में बोलंगीर के टीटलागढ़ में इंजन को एक छोर से हटाकर दूसरे छोर पर लगाने की प्रक्रिया के दौरान स्किड ब्रेक ठीक से न लगाए जाने के कारण ट्रेन के 22 कोच ढलान की दिशा में कालाहांडी के केसिंगा की ओर चल पड़े।
रात में हुई इस घटना से हड़कंप मच गया। बाद में केसिंगा में चढ़ाई पर पटरी पर पत्थर लगाकर कोचों को रोका गया। तब तक कोच करीब 13 किमी चल चुके थे। बाद में टीटलागढ़ से इंजन भेजकर कोच को वापस लाया गया। अधिकारियों ने इंजन के दो चालकों, ट्रेन की मरम्मत करने वाले तीन और ऑपरेटिंग सेक्शन के दो कर्मचारियों को काम में लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया है। रेलवे बोर्ड चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने रविवार को पूरे रेल नेटवर्क पर सेफ्टी ड्राइव चलाने के आदेश जारी किए हैं।
चढ़ाई का इंतजार किया, तब तक चलने दिया : रेलवे अधिकारियों ने बताया कि सूचना मिलते ही संबलपुर डीआरएम कंट्रोल रूम ने कोच रेक की रफ्तार धीमे होने तक उसे चलने देने का फैसला किया। तेज रफ्तार में उसे रोके जाने पर हादसा हो सकता था। बीच में सभी क्रासिंग को बंद करने के आदेश दिए गए। 13 किमी बाद केसिंगा क्षेत्र का इंतजार किया गया जहां चढ़ाई आने वाली थी। यहां पहुंचकर कोच रेक की रफ्तार धीमी हो गई जहां पटरियों पर पत्थर रखकर उसे रोका गया।
स्किड ब्रेक में हुई लापरवाही : अधिकारियों के मुताबिक जब इंजन को ट्रेन के दूसरे छोर में जोड़ने के लिए डिब्बों से अलग किया जाता है तो उनके पहियों में स्किड ब्रेक यानी कोच को रोककर रखने के लिए स्किड ब्रेक लगाए जाते हैं। इस मामले में लगता है कि या तो स्किड ब्रेक लगाए ही नहीं गए या ठीक से नहीं लग पाए।
सख्त कार्रवाई होगी : रेलवे प्रवक्ता ने कहा, 7 को सस्पेंड किया गया है। जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा उसपर सख्त कार्रवाई होगी। आरंभिक जांच रिपोर्ट रविवार रात को या सोमवार सुबह तक आ जाएगी। तीन दिन में विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी गई है। पूरे रेल नेटवर्क पर इलेक्ट्रिकल और ऑपरेटिंग विभाग सेफ्टी ड्राइव शुरू कर रहे हैं।
दहशत भरा आधे घंटे का सफर : बिना इंजन के अंधेरे में चले जा रहे कोचों में बैठे यात्रियों के लिए आधे घंटे का यह सफर दहशत भरा रहा। जिन बुजुर्गों, महिलाओं, बच्चों को इसका पता चला वह डरकर चीखने-रोने लगे। वहीं कुछ चेन खींचकर कोच को रोकने की नाकाम कोशिश करते रहे। पुरी जा रहे यात्री राजकिशोर नायक ने कहा कि यात्री डर से चीख-पुकार करने लगे। कुछ तो कूदने का मन बनाने लगे लेकिन दूसरे लोगों ने उनको रोका। सरिता मिश्रा ने कहा कि कुछ लोग चेन खींचने लगे लेकिन बिना इंजन के रुकती कैसे? जसोबंता माझी ने कहा कि मुझे पास बैठे यात्री ने बताया कि ट्रेन बिना इंजन के चल रही है। मैंने गेट पर जाकर देखा, दोनों ओर इंजन नहीं था। एक बार तो मेरे मन में आया कि कूद जाऊं लेकिन दूसरे यात्री ने सब्र रखने को कहा।
कब-क्या हुआ :
9.35 बजे -रात रायपुर से ट्रेन टीटलागढ़ पहुंची
10.10 - इंजन अलग होने के बाद कोच ढलान की ओर लुढ़के
10.45 - केसिंगा पहुंचे
11.05 - टीटलागढ़ से कोच लाने इंजन रवाना
12.35 - केसिंगा से कोच लेकर इंजन रवाना
12.50 - टीटलागढ़ पहुंची
1.10 - टीटलागढ़ से पुरी रवाना
1.30 - पुरी पहुंची, तय समय रात 8.10 है।
टिटलीगढ़ स्टेशन पर बिना इंजन के निकलते पुरी एक्सप्रेस के कोच।