भारत के इतिहास में महाभारत से बड़ा युद्ध आजतक नहीं हुआ | ना जाने कितने योद्धाओं ने अपनी जान गवा दी | यह एक ऐसा युद्ध था जिसने कुरुक्षेत्र की धरती को रक्त-रंजित कर दिया था। इतना खून बहा था कि आज भी वहां की मिट्टी का रंग लाल है... ये कुछ ऐसे तथ्य हैं, जिनसे हर कोई परिचित है।
पर आपने कभी सोचा कि इतने जो लोग मरे उनकी लाशें कभी मिली क्यों नहीं | क्या महाभारत का युद्ध सच में लड़ा गया था |
आइये जानते है कि आखिर क्यों महाभारत में हजारों सैनिक मारे गए थे पर एक का भी नहीं मिला शव |
कुरुक्षेत्र के युद्ध में मारे गए सैनिकों और योद्धाओं के शव या अस्थियां इसलिए हासिल नहीं हुई होंगी क्योंकि आज के दौर में भले ही मारे गए दुश्मन के शव के दुर्व्यवहार किया जाता हो लेकिन पहले ऐसा नहीं होता था। महाभारत का युद्ध दिन ढलते ही रोक दिया जाता था तो जो जिन लोगों के शव भूमि पर होते थे उनका अंतिम संस्कार किया जाता होगा या फिर उनके शवों को उनके परिवार को सौंप दिया जाता होगा। अंतिम संस्कार के बाद तो सिर्फ राख ही बचती है।
अमल नंदन, जिन्होंने कुरुक्षेत्र के पौराणिक इतिहास विस्तृत अध्ययन किया है, का कहना है कि उत्तरायन के दिन जब भीष्म पितामाह ने अपनी अंतिम सांस ली थी, उस दिन युद्ध समाप्त होने के बाद कुरुक्षेत्र की भूमि को जला दिया गया था। ऐसा इसलिए किया गया था ताकि हर मृत योद्धा को स्वर्ग में जगह मिले और उनके शवों का शुद्धिकरण हो जाए।