सलमान खान को गुरुवार को जोधपुर की कोर्ट ने 1998 के कांकणी काला हिरण शिकार मामले में 5 साल की सजा सुनाई है।
इसपर पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि सलमान खान को 5 साल की सजा सिर्फ इसलिए दी गई, क्योंकि वो अल्पसंख्यक (मुस्लिम) समुदाय से आते हैं और यह भेदभाव दिखलाता है।
जियो न्यूज के "शो कैपिटल" टॉक में दिए इंटरव्यू में ख्वाजा ने कहा, "अगर वो उसी समुदाय से होते जिसकी वहां सरकार है तो शायद उन्हें इतनी कड़ी सजा नहीं मिलती और कोर्ट भी नरमी बरतता।"
लोगों ने आसिफ को जवाब दिया
- आसिफ का बयान जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, उस पर ट्वीट्स के जरिए कमेंट आने शुरू हो गए।
- एक शख्स ने पूछा- इस केस में सैफ अली खान को बरी कर दिया गया। क्या वो हिंदू हैं?
- एक और शख्स ने पूछा- संजय दत्त के बार में क्या कहेंगे? उनको 1993 के बम ब्लास्ट केस में सजा सुनाई गई थी। एक विदेश मंत्री से आप इस तरह के बयानों की उम्मीद नहीं रख सकते।
सभी सह आरोपी हुए थे बरी
कांकणी के काला हिरण शिकार मामले में जोधपुर की सेशंस कोर्ट ने गुरुवार को सलमान खान को दोषी करार दिया था। उन्हें 5 साल की सजा के साथ ही 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया। इस मामले में सह आरोपी एक्टर सैफ अली खान, तब्बू, नीलम और सोनाली बेन्द्रे बरी को संदेह के लाभ पर बरी कर दिया गया था। सजा सुनाए जाने के बाद सलमान को तुरंत हिरासत में ले लिया गया।
साभार - दैनिक भास्कर