नई दिल्ली: भारतीय ई-कॉमर्स सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी फ्लिपकार्ट बिक गई है. क्या यह खबर सही है. सूत्रों की मानें तो ऐसा होने जा रहा है. फ्लिपकार्ट के प्रमुख शेयरहोल्डर अपना हिस्सा बेचने को तैयार हो गए हैं. हालांकि, अभी तक संश्य था की फ्लिपकार्ट की सबसे बड़ी शेयरहोल्डर कंपनी सॉफ्टबैंक अपने हिस्सा बेहतर प्राइस में बेचती है. लेकिन, सूत्रों की मानें तो अब सहमति बन चुकी है. सॉफ्टबैंक भी अमेरिकी रिटेल कंपनी वॉलमार्ट को अपना हिस्सा बेचने पर राजी हो गई है. हालांकि, अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. फ्लिपकार्ट ने भी इस संबंध में कोई बयान जारी नहीं किया है.
हिस्सा खरीदने की रजामंदी
सूत्रों के मुताबिक, वॉलमार्ट ने न्यूयॉर्क की इन्वेस्टमेंट फर्म टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट, साउथ अफ्रीकी मीडिया कंपनी नैस्पर्स, वेंचर कैपिटल फर्म एक्सेल और चीन की टेनसेंट होल्डिंग्स की हिस्सेदारी खरीदने पर रजामंदी दी है. इसके अलावा, फ्लिपकार्ट के फाउंडर्स सचिन बंसल और बिन्नी बंसल भी कंपनी में अपनी हिस्सेदारी का कुछ हिस्सा बेचने को तैयार हो गए हैं. इन छह शेयरहोल्डर्स के पास फ्लिपकार्ट में 55 पर्सेंट से ज्यादा हिस्सा है.
एक महीने में फाइनल हो सकती है डील
हालांकि, फ्लिपकार्ट के सबसे बड़े शेयरहोल्डर सॉफ्टबैंक के पास 20 पर्सेंट हिस्सा है. चर्चा थी कि वह अपनी हिस्सेदारी बेचने को तैयार नहीं है और शेयरों की सेकेंडरी सेल के जरिए करीब 15-17 अरब डॉलर की मांग रखी है. हालांकि, सूत्र बताते हैं कि अब सॉफ्टबैंक के साथ भी रजामंदी बन रही है. वॉलमार्ट और सॉफ्टबैंक के बीच भी सहमति बनती दिख रही है. अगर सबकुछ ठीक रहा तो अगले एक महीने में डील फाइनल हो सकती है. मामले की जानकारी रखने वाले एक शख्स ने बताया कि ऐसी डील में उतार-चढ़ाव तो होते ही हैं. हालांकि, समय पर डील पूरी करने पर सबका ध्यान है.
सॉफ्टबैंक का सबसे बड़ा निवेश
सॉफ्टबैंक ने साल 2017 में 100 अरब डॉलर के विजन फंड के जरिए फ्लिपकार्ट में 2.5 अरब डॉलर का निवेश किया था. भारत में कन्ज्यूमर इंटरनेट सेक्टर में यह सबसे बड़ा निजी निवेश था. कंपनी से जुड़े एक सूत्र ने जी न्यूज को बताया कि सॉफ्टबैंक के साथ अभी भी बातचीत चल रही है. हालांकि, सॉफ्टबैंक भी हिस्सा बेचने को तैयार है, लेकिन उसकी कुछ शर्तें हैं. वहीं, एक अन्य सूत्र ने बताया कि सॉफ्टबैंक की शर्तों पर वॉलमार्ट हिस्सा खरीदने को तैयार है. लेकिन, हिस्से की वैल्युऐशन कितनी होगी यह अभी खुलासा नहीं हुआ है.
ट्रांजैक्शन वैल्यू अभी तय नहीं
सूत्रों के मुताबिक, अभी शेयरधारकों ने सिर्फ मंजूरी दी है, लेकिन डील की ट्रांजैक्शन की अंतिम वैल्यूऐशन अभी तय नही है. इनमें बदलाव भी हो सकता है. शेयरधारकों के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत का समय कुछ सप्ताह पहले खत्म हो चुका है. जिन शेयरहोल्डर्स के साथ वॉलमार्ट ने अग्रीमेंट किया है, उनका हिस्सा खरीदने पर उसके पास करीब 50 पर्सेंट ओनरशिप हो जाएगी. हालांकि, अगर सॉफ्टबैंक के साथ भी डील फाइनल हो गई है तो यह हिस्सेदारी बढ़कर 70 फीसदी हो सकती है.