भारत जिसे आस्था, विश्वास, भक्ति और शक्ति का देश कहा जाता है. यहां के लोगों ने अपने-अपने मनोरंजन के लिए बहुत सारी चीज़ों का सहारा ले रखा है जिनमें मेले भी शामिल हैं. या तो यहां लोग मनोरंजन करने के लिए आते हैं या फ़िर आस्था के मेलों में अपनी हाज़री दर्ज़ करवाकर अपना दुख कम करना चाहते हैं. यहां ऐसे मेलों के बारे में हम आपको बता रहे हैं.
1.पुष्कर मेला
राजस्थान को तो कहा ही मेलों की धरती जाता है. अजमेर से 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पुष्कर नाम के तीर्थ स्थल पर ये मेला मनाया जाता है. ये मेला कार्तिक पूर्णिमा को लगता है.
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2.करणी माता का मेला
बीकानेर में देशनोक के पास करणी माता का एक मंदिर है. जहां ये मेला साल में दो बार लगता है. यहां हज़ारों की संख्या में चूहे हैं जिन्हें पवित्र माना जाता है. इन चूहों को काबा के नाम से पुकारा जाता है. और प्रसाद का भोग भी पहले इन्हें ही लगाया जाता है.
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3.कुंभ का मेला
फ़िल्मों में आपने सुना ही होगा लेकिन असली में इस मेले का लुत्फ़ उठाने का मज़ा ही कुछ और है. ये भारत के सबसे विशाल मेले में से एक है. वैसे ये मेला सबसे ज़्यादा प्रसिद्ध है. हर 12 वर्ष के उपरांत ये मेला किसी पवित्र नदी के तट पर मनाया जाता है.
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4.ख्वाजा साहब का उर्स (मेला)
अजमेर में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह बनी हुई है. जहां पर प्रतिवर्ष पहली रजव से नौरजव तक एक विशाल मेले का आयोजन होता है. देश-विदेश से लोग ख्वाजा चिश्ती की दरगाह पर चादर चढ़ाने के लिए आते हैं. मन्नतें मांगते और उतारते लोग आपको यहीं मिलेंगे.
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5.रामायण मेला
ये मेला भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में मनाया जाता है. इस मेले में अनेक संत, महात्मा व आस्थावान लोग शिरक्त करते हैं. इस मेले में रामलीला और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है.
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6.कपाल मोचन मेला
हरियाणा के युमनानगर जिले में इस मेला का बहुत महत्व है. इसके बारे में मान्यता है कि कपाल मोचन स्थित सोम सरोवर में स्नान करके भगवान शिव ब्रह्मादोष से मुक्त हुये थे. इसी कारण लोग हर साल यहां के सरोवर में स्नान करके अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए आते हैं.
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7.महावीर जी का मेला
हर साल चैत्र माह में ये मेला सवाई माधोपुर के जिले हिण्डोन में लगता है. जैन धर्म के अनुयायी इस मेले की बहुत मान्यता रखते हैं.
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8.सोनपुर मेला
बिहार के सोनपुर में हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दौरान ये मेला लगता है. ये एशिया का सबसे बड़ा पशुमेला होता है और इसे छत्तर मेला भी कहते हैं.
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9.कतिकी मेला
कानपुर शहर से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बिठूर में गंगा नदी के किनारे ये मेला लगता है. हर साल कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर यहां लोगों का हज़ूम उमड़ता है.
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10.माघ मेला
ये हिंदूओं का सर्वाधिक धार्मिक मेला है. मकर सक्रांति के दिन इस मेले को किसी पवित्र नदी के तट पर मनाया जाता है. वैसे ये लगभग भारत के सभी तीर्थ स्थलों पर मनाया जाता है.
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