प्रधानमंत्री जी आज-कल स्वीडन के दौरे में हैं, वहां के प्रधानमंत्री, स्टीफन लॉवेन ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए मिस्टर मोदी का स्वागत किया.
यानी प्रोटोकॉल न हुआ बिद्या माता की कसम हुई जो क्रमशः बनते और खाए ही तोड़े जाने के लिए हैं.
बहरहाल वहां पर, यानी स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोल्म में, इंडियन कम्युनिटी ने भी बढ़-चढ़ कर माननीय मोदी जी का स्वागत किया. कुछ तो इतने उत्साहित थे कि दो-दो तीन-तीन बार मोदी से हाथ मिलाने को आतुर हो गए. अब इन्हीं भाई सा’ब को देख लीजिए. पहले बिना टोपी के और उसके बाद टोपी के साथ या वाइस-वर्सा – यानी पहले टोपी के साथ फिर बिना टोपी के – शायद डर रहे होंगे दूसरी बार, कि सिक्यूरिटी के लोगों द्वारा डपट न दिए जाएं.
चित्र दो – मोदी और जोशीला स्वीडिश भारतीय. रिटर्न्स…
स्कूल में स्वतंत्रता दिवस पर लंबे-लंबे भाषणों के बाद जब ‘मिष्ठान वितरण’ होता था तो हम भी दो मोतीचूर के लड्डू और एक केले की खातिर रूप बदल-बदल के जाते थे.
अपनी-आपनी श्रद्धा है कोई मोती चूर के चक्कर में रूप बदलता है कोई मोदी ने नशे में चूर है इसलिए रूप बदलता है!
मज़े की बात एक और है इन तस्वीरों में – जबकि दोनों तस्वीरें मोदी जी की हैं, फिर भी कोई भी फोटोशॉप्ड नहीं है.