मटुकनाथ 30 साल छोटी छात्रा जूली के साथ संबंधों को लेकर चर्चा में आए थे। दोनों सात साल तक लिव इन में रहे। लेकिन इसके बाद जूली चली गई। जूली कहां हैं, इसके बारे में मटुकनाथ कोई जानकारी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद पटना के शास्त्रीनगर में अपने फ्लैट में अकेले रह रहे हैं, ईनाडु इंडिया की टीम ने जब मटुकनाथ से पूछा कि जूली कहा है, तो उन्होंने कहा कि जूली आध्यात्म की ओर जा चुकी हैं। मटुकनाथ ने कहा कि हम दोनों के बीच अभी प्यार बना हुआ है। हम दोनों के बीच के प्यार को लोग समझ नहीं पाए। जूली अभी आत्मनयन में लगी हुई है और मैं भी उसी में लगा हुआ हूं।
प्रेम की पाठशाला खोलेंगे मटुकनाथ
इस बीच अंग्रेजी अखबार की खबर की माने तो मटुकनाथ अक्टूबर में पटना यूनिवर्सिटी से रिटायर होने वाले है। उनका कहना है कि रिटायरमेंट के बाद वह भागलपुर जिल में अपनी प्रेम पाठशाला खोलेंगे और स्टूडेंट्स को प्यार और विश्वास का पाठ पढ़ाएंगे।
'लवगुरु मटुकनाथ' को क्यों छोड़ गईं उनकी जूली ?
‘आभा को मटुकनाथ गुजारा भत्ता दें’
बता दें कि मटुकनाथ कि पहली पत्नी आभा चौधरी अपने बच्चों के साथ अलग रहती थी। हाल ही में कोर्ट ने फैसला दिया है कि आभा को मटुकनाथ गुजारा भत्ता दें।
गजब की थी दोनों की लव-स्टोरी
पहली बार दोनों की मुलाकात क्लासरूम में हुई थी। 2004 में मटुकनाथ ने एक कैंप लगाया था, जिसमें जूली भी पहुंची थी। इसी दौरान दोनों में बातचीत शुरू हुई, धीरे-धीरे दोनों में बातचीत शुरू हुई थी। दोनों के बीच फोन पर घंटों बातें होती थी।
मटुकनाथ के मुताबिक, एक दिन जूली का फोन आया और उसने कहा कि वो मुझे पसंद करती हैं और मुझसे शादी करना चाहती हैं। हालांकि, इसके बाद मटुकनाथ ने जूली को समझाया कि ये संभंव नहीं है। उन्होंने बताया कि वे पहले से शादीशुदा हैं और उनके बच्चे भी हैं। लेकिन धीरे-धीरे मटुक भी जूली से प्यार करने लगे।
जूली के साथ प्रेम-प्रसंग की वजह से 15 जुलाई, 2006 को पटना यूनिवर्सिटी ने मटुकनाथ को बीएन कॉलेज के हिंदी डिपार्टमेंट के रीडर पद से सस्पेंड कर दिया था। बाद में 20 जुलाई, 2009 को उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। उनके खिलाफ कई तरह के आरोप भी लगाए गए।
उधर, जब मटुकनाथ की पत्नी को उनकी लव स्टोरी का पता लगा तो उन्होंने दोनों को जेल भिजवा दिया था। हालांकि, जेल से छूटने के बाद दोनों की लाइफ सामान्य हो गई और फिलहाल दोनों लिव-इन में रहने लगे।
मटुकनाथ को काफी साल नौकरी से बर्खास्तगी झेलनी पड़ी थी। हालांकि, 2013 में 13 फरवरी को पटना यूनिवर्सिटी ने मटुकनाथ को पिछले पांच साल के एरियर का 20 लाख रुपए दिया था। पैसे से अगले दिन यानी 14 फरवरी को कार खरीद कर जूली को गिफ्ट की थी।
'जूली छोड़ गई, अब प्रेम की 'पाठशाला' खोलेंगे प्रोफेसर मटुकनाथ' -