यह जान लें कि जीवन में अभ्यास की सर्वाधिक महत्ता है। अभ्यास सीखने का पहला सोपान है। यदि आप प्रयास करने पर भी नहीं सीख पा रहे हैं तो बार-बार उस कार्य को करें, ऐसा करेंगे तो आप उस कार्य को करने का सतत् अभ्यास ही होगा, यह अभ्यास आपको उस कार्य में प्रवीण कर देगा।
कवि का यह वचन सत्य है-करत-करत अभ्यास के जड़मति होए सुजान। अर्थात् अभ्यास से जड़ बुद्धि भी बुद्धिमान बन जाता है।
ज्ञान सबसे बड़ा बल है। ज्ञान है तो सबकुछ है। ज्ञान के बल से आप किसी भी सन्देह को दूर कर सकते हैं।
ज्ञान प्रकाश है और अज्ञान अंधेरा। अज्ञान रूपी अंधेरा ज्ञान के प्रकाश से ही छंट सकता है।
ज्ञान सच्चा मित्र है और प्रत्येक सन्देह को दूर करने में सक्षम है। ज्ञान के सहयोग से एवं निज के सतत् प्रयास से आप उन्नति के सोपान चढ़ सकते हैं और अपनी समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण कर सकते हैं।
किसी भी लक्ष्य को निर्धारित करके उसको पाने के लिए उसकी सम्यक योजना बनाएं और उसे पूर्ण करने के लिए सतत् प्रयास करें। सतत् प्रयास से कार्य बन जाता है एवं उन्नति का मार्ग भी प्रशस्त होता है।
सतत् प्रयास ही सच्चा अभ्यास है। एक कार्य को बार-बार करने से व्यक्ति उसमें पारंगत हो जाता है। अभ्यास के साथ-साथ ज्ञान का भी सहयोग लेंगे तो आप अधिक दूरदर्शी बन सकेंगे। सोच सकारात्मक रखेंगे तो आप उन्नति पथ पर सदैव अग्रसर ही रहेंगे। मूलतः आपको लक्ष्य को बेधने के लिए सतत् प्रयास करना है।