इच्छापूर्ति सम्पन्नता की पोषक है। इच्छा पूर्ति के लिए भविष्य के प्रति चिन्ता नहीं करनी चाहिए। इच्छा के पार्श्व में छिपा अभिप्राय ही उसकी शक्ति है। इच्छा के पीछे न दौड़ें, ऐसा करने पर वह पूर्ण नहीं होती है। एकाग्रता भविष्य के प्रति न रखें क्योंकि इच्छा वर्तमान में जीती है। इच्छा-पूर्ति का रहस्य स्वामी रामतीर्थ अपने कथन में बताते हैं, उसे आत्मसात् करें-'जिस क्षण तुम इच्छा से ऊपर उठ जाओगे, इच्छित वस्तु तुम्हारी तलाश करने लगेगी, यही नियम है। जो तमाम इच्छाओं से ऊपर उठ गया है, उसके द्वारा भलाई सदा इस तरह अनजाने, सहज और स्वाभाविक तौर से होती रहती है, जैसे फूल से खुशबू और सितारों से रोशनी निकलती रहती है।'