जैसा हमारा विचार एकाग्र होता है वैसा ही हमारा ध्यान होता है। ध्यान के अनुरूप ही हम बनते हैं आैर फिर जीवन भी उसी के अनुरूप आगे बढ़ता है।
यदि आपने अभी तक नहीं किया है तो SUBSCRIBE तुरन्त करें आपको नई वीडियो की जानकारी मिलती रहेगी।
Video को LIKE और हमारे CHANNEL को SUBSCRIBE करना ना भूले!