“ 'निराला' काव्य के रूप में शक्ति के पुंज हैं, अडिग आत्म विश्वास से वे ओत-प्रोत हैं, विपरीत विचारधाराओं के तूफानी थपेड़ों के बीच चट्टान की भाँति स्थिर रहने की सामर्थ्य रखते हैं। उनकी अन्त:शक्ति असीम है। उसी के बल पर वे विरोधों के बीच बढ़ते जाते हैं और विरोध को पराजित करते हैं।”
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