दो हर्फ नही मिले , कि आपके तारिफ मे कुछ लिखू ... 2इसके आगे बताओं कि अब मैं, क्या लिखूं ..😂😂😂😂😂😂😂
कुछ लोग कहते है दर्द बाटने से इंसान का मन हल्का हो जाता है वो ग़लत कहते हैं शायद उन्हें नहीं पताइस जमाने मे इसका भी कुछ लोग फायदा उठाने लगते हैं 💔💔💔💘💘💘💔💔💔💔
भरोसा खुद पर रखो तोताकत बन जाती है. . .👌🏻और दूसरो पर रखो तोकमजोरी बन जाती है❣️
❇️रंग बिरंगी उड़ती सी वो,❇️फूलों के पिछे बावरी सी वो ।✳️जैसेः मृग मरीचिका को देख ,✳️चकोर चाँद को देख |❇️जैसेः भवरे फूल को देख ,❇️सिंह अपने सिकार को देख ।✳️जैसेः प्रेयसी प्रियवर को देख ,✳️राधा कृष्ण को
खुद की बहन बहन, दूसरे कि बहन खिलवाड़ ।खुद की परिवार कि स्त्रियों का सम्मान,परस्त्रियों का अपमान ।खुद की इमेज बनाने के लिए औरो से बोलते स्त्री का करे सम्मान, स्त्री होती दुर्गा समानअकेले मे स्त्री
संगीत..संगीत..संगीत..🎶यही है मेरा मनमीत,💖खुश होती हूँ साथ पाकर इसका ...🌹जब रहती हूँ चिंतित,गाने पसंद है जिनकेवो है . . . मास्टर अरिजीत😍संगीत से मुझको ह
किसी फे मुक्कदर मे इतना गम मत लिख देना,ऐ मेरे खुदा .. 2कि वो भूल जाये कि खुशी क्या चीज है . . . . .
बेइन्तहा मोहब्बत उन्हें हमारीफरेब लगती है....फिर भी उन्हें प्यारी हमारीहर ऐब लगती है....कई दफां कहा मैंने हाल - एदिल बयां तो करिए...पर वो शांत ही रहती हैजैसे बंद जेब लगती है... ।
वो कहती है जनाब जरा मोहब्बत कम किया करिएगैरों से खुब दिल लगा लिया आपनेबरखुरदारकभी खुद से दिल लगा लिया करिए
गर मिले दो पल की भी ख़ुशीतो उसे खुल के जि लेना ..🤗पता नहीं फिर ये पल मिले या ना मिले कभी हमें दोबारा ...पता नहीं फिर ये पल आये या ना आये कभी जिंदगी में हमारे
यदि अकेले जीना सीख लो ,तो यह दुनिया तुझे कभीठुकरा नहीं सकती ।✍🏻 रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )
हाय ...😚☺️तेरा यूँ शरमा के मुझसे "नज़रे झुकाना "😚मेरे दिल पे कई वार कर गये ...💘💘पहले जो उठी थी ये नजर मेरे दिदार मेंअब वही झुक गई ...☺️मेरी ज़ुबा से एक लब्ज़ सुनने के बाद ...✍🏻 रिया सिंह सिक
हे ! दीनानाथ दिनकर ! 🌞मेरे जीवन में दिन कर दो 🌄ये अंधेरी निशा है जो आई🌑मेरे जीवन की नगरी में 🌆इसे शशि से उज्जवल कर दो🌕✍🏻 रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )
माना की हम बिछड़ गए थे . . .पर इंतजार तो कर सकते थे . . .लौट कर आयेंगे पास तुम्हारे ही ...इतना एतबार तो कर सकते थे . . .✍🏻 रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )
आज चाँद को रोते देखा .... . . .फिर से ...हमने खुद को खोते देखा .... . . .फिर से ...✍🏻 रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )
हमे तुमसे प्यार हैं कितनाये लब्जों में बया नहीं कर सकते इतना बता सकते हम कि तेरे होने या ना होने से फर्क बहुत पड़ता हैतेरे होने से - 2मेरी दुनिया खुशियों से भर जाती हैऔर तेरे ना ह
हाय ..यह चांद सा तेरा चेहराउस पर है घूंघट का पहराजाने कब बन गई है मेरी जानतेरे घूंघट में छुपी मुस्कान ...हाय मैं वारी जावातेरी इस मासूम सी मुस्कान परदिल मेरा तेरे पर कुर्बान हो जावाइस घूंघट में छुपी म
जान हो तुम मेरे ..हा एक मासूम जान होकौन कहता है कीतुम कुछ नहीं हो मेरेतुम तो मेरे दिल की पहचान हो✍🏻 रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )
मुझे चांद से प्यार है . .तारो से लगाव हैं . . 2अब हम क्या करे .. सूरज से तो हमें बेहिसाब प्यार हैं . .क्योंकि ...चाँद तो अपनी चांदनी के साथ ,दो रातों के लिए ही आता है . . 2और तारे भी तो सिर्फ अंधेरी र
पुरानी किताबों के पन्नों में बचपन के सपनों की सूची रख छोड़ी थी | उन पुरानी किताबों को मैंने पुरानी दराज़ में रख छोड़ा था | फुरसत में जब मैंने आज पुरानी दराज के जाले हटाए | दराज़ में