shabd-logo

अन्य

hindi articles, stories and books related to anya


जान हो तुम मेरे ..हा एक मासूम जान होकौन कहता है कीतुम कुछ नहीं हो मेरेतुम तो मेरे दिल की पहचान हो✍🏻 रिया सिंह सिकरवार " अनामिका " ( बिहार )

मुझे चांद से प्यार है . .तारो से लगाव हैं . . 2अब हम क्या करे .. सूरज से तो हमें बेहिसाब प्यार हैं . .क्योंकि ...चाँद तो अपनी चांदनी के साथ ,दो रातों के लिए ही आता है . . 2और तारे भी तो सिर्फ अंधेरी र

पुरानी किताबों के पन्नों में  बचपन के सपनों की सूची रख छोड़ी थी | उन पुरानी किताबों को  मैंने पुरानी दराज़ में  रख छोड़ा था | फुरसत में जब मैंने आज पुरानी दराज के जाले  हटाए | दराज़ में

किस्सा है अमरावती का, वैसे अमरावती अभी तो 72 वर्ष की है पर यह घटना पुरानी है। अमरावती कोई बीस वर्ष की रही होगी और बिहार के एक गांव, अपने ससुराल में अपने पति राम अमोल पाठक, नवजात शिशु चन्दन और जेठानी क

महावारी हर लड़की को आती है....पेट दर्द और कमर दर्द के साथ,बहते हुए खुन और सिरदर्द के साथ,महावारी हर लड़की को आती है....मन की बैचेनी और चिड़चिड़ापनशरीर में दर्द और मन की तकलीफ़को अपने संग में लेकर हर म

चली चली मैं कही दूर चलीबाबूल की गलीयों से मै दूर चलीबचपन का वो खेल खिलौनाछोड़ के सब मै दूर चली कैसी ये दस्तूर है अपने को पराया बना गैरों को अपना बनाने चलीरिया सिंह सिकरवार " अनामिका " (

मुनासिब है सबका ...मुनासिब है सबका यूं मुझसे रूठ जाना ...औकात तो पता चल जाती है अपनी ...बेशक सही है दिल का टूट जाना ... 2आदत तो बदल जाती है अपनी ...जाहिर है . . .जाहिर है सब साथ छोड़ देंगे मेरा एक दिन

हो गए हम जुदाहो गए हम फना मिलते मिलते हम रह गए ना जाने कैसे कब हम बिछड़ गएखो जाना था हमें एक दूसरे के प्यार में लेकिन ना जाने खो गए हम कहां✍🏻 रिया सिंह सिकरवा " अनामिका " ( बिहार )

गोपाचल पर्वत पर स्थित,किलों का 'जिब्राल्टर' कहलाता है।सूरजसेन ने इसे बनवाया,मानसिंह के भाग्य का विधाता है।ग्वालियर का किला समेटे,बहुत से राजाओं की कहानियाँ है।मृगनयनी और मानसिंह के प्रेम की,यहाँ पर अम

एक स्त्री होती है मां एक स्त्री होती हैं बहन एक स्त्री होती है मौसीएक स्त्री होती है बुआ एक स्त्री होती है चाची ,काकीएक होती है पत्नी बेचारी स्त्री एक रूप अनेक फिर भी है बेचार

मैं चल पड़ा एक अनजान सफर परप्यार की डगर पर ना पता उसकाठौर ठिकाना फिर भी चल पड़ा मैं बन प्रेम का दीवाना ना कोई अफसाना ना कोई तराना फिर भी हो गया मैं भी परवाना&nb

खुदा और मोहब्बत•••••••••गलती किसकी थी?? फरहाद , माही या फिर परिवार और किस्मत?गलती एक ऐसी चीज़ है जो कभी एक तरफा नहीं होती। वो दोनों तरफ से होती है ।●हर सच्ची मोहब्बत की कहानी-जब लड़का राजी होता है तो लड़

featured image

शीर्षक---मुलाकातकहाँ पता था वो आखरी मुलाक़ात होगी,दिल की बातें यूँ ही दिल में कैद रह जाएगी।तुझे याद करके दिल बड़ा ही तड़पता है,वो आखिरी मुलाक़ात को याद करके,दिल आज भी खो जाता है तेरी वो,आखिरी मुलाक़ात की य

मेरे सपने हर रोज,मेरे दरवाजे पर दस्तक देते हैं ।कहीं और दिल लगाएँ,तो लगाएँ कैसे??ये ख्वाहिशों का तूफान,थमने का नाम नहीं लेता।कुछ और सोचें,तो सोच पाएँ कैसे??जिम्मेदारियाँ रात भर सोने नहीं देतीं।कोई और

featured image

शीर्षक ---"जिंदगी के सबक "जिंदगी के अनुभव से मिले सबक से ही कुछ सीखने की कोशिश करना ही तो जिंदगी कहलाती है।इसमें उलझने की जरुरत नही होती है।सबक से सीख कर तो अपने सपनों को फैलाने की कोशिश करना है।

कोई कहता है समंदर ।कोई कहता है चाँद ।कोई कहता है,पहाड़ की चोटी है तू।सागर सी मेरी जिंदगी में,मोती है तू।तू बहुतों का इश्क़ है ।तेरे दीवाने लाखों में हैं ।दिल पर नाम लिखा है तेरा,तेरे ख्वाब आँखों में है

featured image

शीर्षक--दया की मूरत दया की मूरत है,प्यार की सूरत है,वो होती है,बहुत ही खूबसूरत है।वो कोई और नही,मेरी प्यारी माँ ही तो,होती है न।जो दया की मूरत होती है,जिनके दिल में बस अपने,बच्चों के लिए दुआ होती

आओ अब छोड़ो झगड़ना समझौता कर लेते हैहम तुम एक है मिलकर इस बात को समझ लेते है।।क्या रखा है बहस करने में आओ बैठकर बात करते हैचार दिन की है ये ज़िन्दगी,आओ हँसकर जी लेते है।।एक दूसरे को गले मिलकर गिले शिकवे

मासिक बेस्ट सेलर और पुस्तक लेखन प्रतियोगिता के सभी नियम और शर्तों के अनुसार दोनों प्रतियोगिताओं में कई लेखकों ने  भाग लिया और सभी प्रतिभागियों ने श्रेष्ठ साहित्य की प्रस्तुति दी। जिसमे से हमको इस बार

दिल का कोई बिल नही हो सकता रिफिल नही कितने भी तुम शोर मचा लोचाहे दुनिया को बुला लो एक बार जो टूटा दिल कितने भी जुगाड लगा लो दिल को नही जोड़ सकते दिल तो दिल ही है उसक

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए