सामग्री: ""• आम - 1 किग्रा. (7-8)• नमक - 2 छोटी चम्मच• केसर - एक चौथाई छोटी चम्मच (यदि आप चाहें तो)• चीनी - 1 किग्रा• छोटी इलाइची - 4-5""विधि: ""• आमों को धो कर, 12 घन्टों के लिय
आम से हम आम का शेक, आमरस, पके आम की खट्टी मिट्ठी कढी, स्मूदी वगैरह तो बना चुके हैं, आज हम आम के पल्प से आम का केक बनायेंगे. आम के खास स्वाद वाला केक आपके परिवार के साथ साथ बच्चों को भी बहुत पसंद आयेगा
मैंगो फ्रूटी 1 ऐसा नाम जीसको सुनते ही बच्चे हो या बडे सभी पिना चाहते है ये बाजार मे बहुत आसानी से मील जाती है लेकिन उसमे प्रिजरवेटिव यूज होते है इसीलिए स्वास्थ्य की द्रष्टि से अच्छी नही रहतीइसीलि
मां तो बस मां है उसके आगे कुछ भी नहि मां की ममता मां की महिमा इस से बढ़कर कुछ भी नही सारे दुखो को सहकर अपने रक्तो से सींचकर वह हमे है जनती खुद भूखी रहकर भी वह बच्चो का पेट है भरती फिर भी हम
हर इंसान करता हैं भेदभाव , मां बाप करते बच्चो में भेदभाव भाइयों में रहता भेदभाव मित्रों भी रहता भेदभाव नेता करते जनता से भेदभाव जनता भी कम नही वह भी करती उनसे भेदभाव ईश्वर ने भी किया है भेदभाव त
पुस्तक लेखन प्रतियोगिता के सभी नियम और शर्तो के अनुसार पुस्तक लेखन प्रतियोगिता जून 2022 में कई लेखकों ने भाग लिया और अपनी पुस्तक तय सीमा में पूर्ण मार्क करके प्रमोट भी किया। जिसमे टॉप 3 बुक्स में माह
अपना शहर छोड़कर कहां जायेंगे , यहां की गलियां यहां के चौराहे बहुत याद आयेंगे , कुछ पुरानी यादें ,पुराने किस्से कैसे भूल पाएंगे , पुराने मित्रों की टोली वह हंसी ठिठोली , सुबह की मॉर्निंग वॉक और दु
एक शाम तेरे नाम सिर्फ मैं और सिर्फ तुम तन्हाई में बैठे रहें आंखो में आंखे डाल एक दूसरे में खोए हुए मतलब ना हो किसी से तेरी आंखो की गहराइयों को नाप लूं आज , तेरी धड़कनों को महसूस कर लूं आज
जहां होता प्यार ,वही होता घात जहां हो विश्वास ,वही ,होता विश्वासघात फिर शुरू होता बदले की बात जमाना बदल गया यारो अब ना प्यार सच्चा ना ही यार सच्चा सब कुछ मतलब से चल रहा है , प्यार भी मतलब से होता है
. सब प्रेम नहीं माँगते कुछ तुमसे तुम्हारी पीड़ा भी मांगते हैं, मांगने वाले हर व्यक्ति भिक्षुक नहीं होते कुछ बुद्ध भी होते हैं..!! ~ मंगलम्
हे मेरे गोविंद.........जब याद तुम्हारी आती हैजी मेरा भर जाता है,हर पल तुम्हे निहारुँमन को बस यही भाता है,बस्ता है मनमोहनतेरी ही छबि इन नैनों मैं सदादेखकर ही तुझेहृदय को मेरे चैन आता है,मैं पल-पल तुम्ह
जब वो कहती है ना,सब ठीक हो जायेगा।चिंता नहीं करते।गलतियाँ इंसान से ही होती हैं,इतना सोचा नहीं करते।जब वो ऐसे समझाती है ना,तो लगता है इस निराशा में भी एक आस है ।क्या जरुरत है किसी और की,जब वो साथ है ।ग
स्वरचित एवं मौलिक रचना-निर्मल गुप्ताजिन घरों में रोशनी न थी । वहां, मैंने हंस-हंस कर, उजाले किये ।उजाले हुए, उनकी महफिलें सज गयीं । महफिलें सजने पर उन्हो
ऐ ! भोले शंकर तुम, जग में महादानी हो । तुम ही सृष्टि रचयिता, तुम ही संहारक हो ।तुम्हें पूजता , सम्पूर्ण जगत,कर चरणों में सतत प्रणाम । ऐसे भक्त पर , दुनिया का, चले न कोई वार ।
मैं इक कली ,प्रेम के बलिदान का प्रतीक हूं । दुनिया की निगाहें, मुझ पर ही टिकी रहती हैं ।कब मैं खिलूं , और दुनिया वाले मुझे तोड़ लें । मैं दुनिया वालों की, नीयत जानती हू
न उड़ो इंसा ,अहं के आसमान में, ज़मीं पर आने में, वक्त नहीं लगता ।इंसा रिश्ते बनाता है, जन्म भर , पर रिश्तों के टूटने में , वक्त नहीं लगता ।लाख मशक्कत करके, इंसा
जिन्दगी तुमने बहुत परीक्षा ले ली,मेरी । फिर भी मेरे हौसलों ने, न आंख फेरी ।मैं मनाता रहा,तुम रूठती रहीं । मैं प्यार करता रहा,तुम मुंह फेरती रहीं ।काश ! मेरी खता बता दो,तो मैं म
प्रेम वो नहीं,जिसे वासना की डोर से बांधा जाये । प्रेम वो नहीं ,जो कामवासना की पूर्ति के काम आये ।प्रेम तो ,वो इबादत है, जिसमें प्रेमियों को, इक दूसरे की रुह में समा जाने पर,
मोदी जी की पाकिस्तान के प्रति विदेश नीति में चाणक्य नीति की झलक डॉ शोभा भारद्वाज 2014 में मोदी जी के नेतृत्व लोकसभा का चुनाव लड़ा जा रहा था आलोचक प्रश्न उठारहे थे भाजपा की विदेश नीति क्या है ? सत्तापर आसीन होने के बाद विदेश नीति विशेषज्ञ उनको विदेश नीति समझाने उनसे मिलने भीआये | मोदी जी ने अपने श