कहीं तू मोहब्बत, कहीं तू मेहतारी है।
कहीं तू मेरे सपनों की रानी, कहीं ममता की तिजोरी है।
ममता से मेरे बचपन को संवारा है तूने।
घर के आंगन में उंगली पकड़ संवारा है तूने।
पैरों पर खड़ा किया प्यार का संसार है तू।
मेरी जिंदगी के सफर का हार है तू।।
तेरे मुस्काराते चेहरे की दुनिया न्यारी है।।
प्यार के सुधा से दिल को संवारा है तूने।
मेरे मुस्कुराती जिंदगी को संवारा है तूने।
तेरे हाथों की मेंहदी,माथे का सिंदूर मेरे नाम है।
मेरी ज़िंदगी की हर सांस मेरे नाम है।
जाया के रूप में तेरी कीमत निराली है।।
सलाम है तेरे हर रूप को, देवी का साक्षात रूप है।
बहिन और बेटी के रूप में, मिली देवी का स्वरूप है।
तेरी रक्षा का वचन है ,मैंने सदैव उठाया है।
क्योंकि हर रूप में ,तूने मुझे अपनाया है।
हर रूप में तेरा सम्मान चाहते, अंतिम और प्रथम इच्छा हमारी है।।
गृहणी के रूप में ,सेवा की संकटों को झेला है।
तेरे बिना मनुष्य की जिंदगी का घर अकेला है।
हंसते-हंसते सह जाती है,कभी ना इंकार करती है।
मेरे हर अरमान में,तेरी दुआ और दया बसती है।
निभाती है हर कर्तव्य और हर जिम्मेदारी है।।
वासनाओं का शिकार बनी, दैत्य बन तुम्हें सताया।
दहेज और आत्महत्या के , तुझे शोषण का शिकार बनाया।
सदियों तक आवाज बंद कर , तुम्हें बहुत सताया था।
संविधान के बाद ही ,तेरा अच्छा वक्त आया था।
तेरे मुस्कराते चेहरे को रौंदने की, पुरानी बीमारी है।।