#अयोध्या के बाद #काशी_मथुरा विवाद?
सुप्रीम कोर्ट :मस्जिद इस्लाम का हिस्सा नहीं
हिन्दुओं की धार्मिक आस्था मौलिक संवैधानिक अधिकार
सुप्रीम कोर्ट : हिन्दु नागरिको को भी न्याय मांगने का संवैधानिक मौलिक अधिकार
Places of Worship (Special Provisions) Act, 1991 असंवैधानिक कानून जो लोकतंत्र व् संविधान के द्वारा प्राप्त मौलिक अधिकारों का हनन करता हो समाप्त हो.
न्याय के मुलभुत नैसर्गिक सिद्धांत को धयान में रखते हुए औरअधियो का मनोबल व् प्रोत्साहित करने के कर्म में पुरुस्कार स्वरूप जिस प्रकार राम मंदिर अयोध्या में मस्जिद के लिए अलग जमीन का निर्णय दिया पुनरावर्ती नहीं हो ये न्याय कानून व् संविधान के विरुद्ध व प्रध भी है धयान रखियेगा
मुकदमा की सुनवाई प्रतिदिन राममंदिर की ही तरह हो देश व् हिन्दुओ को पुनः 492 बर्षों की तारीखे नहीं दीजियेगा
धयान रखें इस बार मंदिर पर जबरन ढांचा प्रत्यक्ष देखा जा सकता है व् अओरंगजेब का मंदिरों को तोड़ने का फरमान भी लिखित साक्ष्य के रूप में उपस्थित है.
मुस्लिम समाज से निवेदन हे भारतीय मुसलमान गंगा जमुनी तहजीब व् भाईचारे का ये अनमोल अवसर पुनः हाथ से न जाने देंवे हिन्दुओ का दिल जितने का ये अंतिम अवसर है अन्यथा 40,000 मंदिरो की सूची तैयार है जिनको तोड़कर इस्लाम व् मुगलों ने हिन्दू मंदिरों व् धर्म स्थलों पर गैर क़ानूनी कब्ज़ा किया हुआ है
राजनीती का आरम्भ व् अंत भगवन श्रीकृष्ण व् आचार्य चाणक्य के वंशजो को हलके में लेने की मूर्खता अब मत कीजिए
देश के बहुसंख्यक समुदाय को मौलिक अधिकारों व सम्मान व अल्पसंख्यक समुदाय के समान अधिकार मिले जो संविधान व लोकतंत्र देता है इसकी गारंटी टी भारत के लोकतंत्र से अभिप्राय है या इससे बजी आपत्ति है आपको।
Equal राइट्स संवैधानिक मौलिक अधिकार मात्र।
लोकतंत्र का आधार।
बहुसंख्यक आबादी को दोयम दर्जे की नागरिकता तो लोकतंत्र का अपहरण व हत्या व संवैधानिक अपराध है।
क्या इसकी भी अभिलाषा देश का बहुसंख्यक हिन्दू समाज नहीं करे व देश के मुस्लिम व अलपसंख्यक की गुलामी व अपनी संपत्ति सम्मान व माता बहनों को सैक्स slave या भोग दासी जे रूप में प्रस्तुत करें।
जिहादियों के लिये ईद के बकरे की तरह कुर्बानी को तैयार रहें।
इतिहास व वर्तमान आप विवेक से खुली आँखों से देखें कोई दबाब व अपेक्षा नही।
आज मात्र संविधान लोकतंत्र मौलिक अधिकार व कर्तव्यों व समानता व सम्मान न्याय व सुरक्षा की अस्तित्व रक्षा की कामना भी अपराध है क्या हिन्दु को।
मुसलमानों की क्रूरता की प्रवृत्ति के विषय में तो सत्य अवश्य ही जानना चाहिए और अधिकांश लोग जानते हैं परंतु उनकी शक्ति को जितना विकराल बताकर प्रचारित किया जाता है ,,वह बहुत बड़ा झूठ है और हमने उसकी सच्चाई बारंबार अपनी पुस्तकों में, भाषणों मेऔर लेखों में और वीडियो में दिखाई है।
इसके बाद भी जो लोग गजवा ए हिंद आदि की बातें कुछ डराने के लिहाज से करते हैं,, वे कृपा कर हम से दूरी बनाकर रखें ।।
भारत में यदि मुस्लिम आतंकवाद कभी भी कहीं भी सफल हुआ है या होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उनसे पैसा खाने वाले या उनसे कुछ और धन तथा अन्य लाभ लेने वाले हिंदू शासकों और प्रशासकों की है ।।
आप हिंदू शासकों और प्रशासकों की कर्तव्य हीनता और धर्मद्रोह के ऊपर चोट कीजिए।
उसके स्थान पर हिंदुओं को डराने की कोशिश मत कीजिये।
कायर और कुटिल कांग्रेस फेंक दी गई और अन्य कायर शासकभी फेंक दिए जाएंगे।
धर्म में और भगवान मे अटल आस्था रखिये।
हम अपनी जिम्मेदारी भागीदारी व कर्तव्यों का योगदान तय करें तो अपने समाज व वंशजो व सन्तानों को सत्य इतिहास व चुनोतियाँ से लड़ना जितना सिखाये।
वेहतर होगा चुनोतियाँ पर विजय के उदाहरण स्थापित करें।
छोटी विजय या छोटी छोटी विजयी पड़ाव।
दिशा व विश्वास का निर्माण।
हम देश के नागरिकों व हमारे अपने पूर्वजों यदि वे सजग व सतर्क होते व अल्पसंख्यक समुदाय जैसे राजनीति के खिलाड़ी जिन्होंने 25 फीसदी आबादी ने 33 फीसदी अपनी आबादी से अधिक भूमि पाकिस्तान के रूप भी ली व साथ ही भारत विभाजन के रक्तस्नान रक्तपात के साथ भी हिंदुस्तान की राजनीति में वर्चस्व व बिशेष अधिकारों की व्यवस्था भी। इसके साथ ही बहुसंख्यक आबादी में ग्लानि व अपराधी भाव भी भर दिया।
मुठ्ठी भर अल्पसंख्यक जिन्होंने इज8व समर्पण से पाकिस्तान बनाया। पाकिस्तान न जाकर ऐसी हिंदुस्तान में अप्रत्यक्ष शासन पर नियंत्रण किया व बहुसंख्यक आबादी के संसाधनों व मौलिक अधिकारों का हनन भी।
इस्लामिक देश का अप्रत्यक्ष जजिया भी वसूल रहे है।
बस अधिकार कोई कर्तव्य नही सदा पीड़ित जिम्मेदारी भागीदारी कभी नही।
कश्मीर को पूर्ण इस्लामिक राज्य व हिंदुओ से विहीन व अपने ही देश मे शरणार्थी बनाया। आज तक जिनके जीनोसाइड व नरसंहार के पश्यात एक भी बार माफी या अपराधबोध नही।
शेष भारत मे भी चतुराई से इस्लामिक तिलस्म बनाया व सुनिश्चित किया ये लोकन्त्र शरिया के सिद्धांतों को व इस्लामिक व्यवस्था के अनुसार मुस्लिम विशेष शासन व शासक व मालिक बने रहे। व बहुसंख्यक आबादी जजिया आधारित मौलिक अधिकारों से विहीन संसाधनों से दुर ही रहे।
ॐ
हरी ॐ
जय श्री राम। जय जय श्री राम।
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