आरक्षण नहीं संरक्षण ,
संरक्षण में। प्रथम चरण में अनारक्षित सवर्णों के आर्थिक रूप से असमर्थ वर्गों को सामाजिक न्याय सहायता व सहयोग के रूप मे नये सिरे से मिशन आरम्भ किया जाए।
संरक्षण और SOS अस्तित्व बचाओ की भावना इसे आरक्षित वर्ग व सविधनिक बाधा से बचाएगी।
व सरकारी नॉकरी में कोई प्रकार की मांग करने के कारण आरक्षित वर्ग के हित प्रभावित नहीं होगें, इसी कारण कोई भी सामाजिक विद्वेष औऱ विरोध उत्पन्न नही होगा।
मूलतः कोई भी राजनीति क दल सवर्णों के आर्थिक रूप से असमर्थ लोंगो के आरक्षण के खिलाफ नहीं है ऐसी कारण इन स्थितियों का लाभदायक उपयोग किया जा सकता हैं।
1,प्रतियोगी परीक्षाओं में शुल्क से मुक्ति या अंश।
न्यूनतम किया जाये।
2,छात्रवृत्ति के रूप मे सरकारी सहयोग का आरम्भ, जब पेंशन योजना व हज सब्सिडी व अनेक प्रकार की सब्सिडी इतने भारी वितीय घाटे भार उठाकर जारी रख सकते है। तो ये भी किया जाना उतना ही अतिउपयोगी व अतिआवश्यक है।
नरेगा, भोजन का अधिकार के सफेद हाथी समान निरर्थक वित्तीय मदद या सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम जारी रखे जा सकते है।तो यह न्यायोचित मांग में संविधान तथा न्यायालय की बाधा भी नही होगी।
3,आयुसीमा में वृद्धि कर अवसरों की सीमा का लाभ भी मांग जाए।
4,प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रशिक्षण की भी सहयोगी व्यवस्था नियमित सरकारी संसाधनों के समुचित उपयोग से की जा सकती हैं।
5,सवर्ण समाज के क्रीमी लेयर को इन सभी लाभों में सम्मिलित न किया जाए। क्रीमी लेयर की सीमा 5से6लाख रखी जा सकती हैं।
उपरोक्त कार्यक्रम प्रथम चरण के लक्ष्य तय किये जायें तथा सवर्णों का सम्मलित प्रयास कार्यक्रम अभी से आरंभ किया जाये।
सभी आरक्षण प्रकोष्ठों बिभिन्न सवर्ण सामाजिक संगठनों को संरक्षण मिशन के एक मंच पर लक्ष्य आधरित समरूपता आ एकता का परिचय भी दिया जाए।
निष्कर्ष , परिणाम राजस्थान में 2018 के चुनाव नजदीक आने के कारण शीघ्र ही पूर्ण शत प्रतिशत मांगे स्वीकार शासन से हो जाएगी। तथा कोई भी राजनीतिक दल विरोध भी नही करेगा औऱ संविधान कानून व आरक्षित समाज का कोई विरोध या व्यवधान उत्पन्न नही होगा।
100% परिणाम प्रथम चरण में मिलेंगे। सभी भाई एक वार मन मस्तिष्क से विचार करें।और इस विचार को धरातल से उठाकर अनारक्षित समाज की आवाज़ में एक एक शब्द को प्रचंड रूप देकर गगन को गुंजा देने का समय उचित समय है। 2018 राजस्थान विधानसभा चुनाव में यही सही मुद्दा और उत्साहबर्द्धक,
मिशन व कार्यक्रम की उचित परिणामदायक दिशा है।
शेष योजना व कार्यक्रम अगले चरण में नीति निर्धारण किया जायेगा।