द्रौपदी स्वयंवर : एक और दृष्टिकोण
द्रौपदी स्वयंवर : एक और दृष्टिकोण द्रौपदी स्वयंवर का समय, पांचाल की राजधानी काम्पिल्य में सभा भरी हुई थी, विशाल सभागार की एक ओर चबूतरे पर सिंहासन पर द्रुपद विराजमान थे, उनकी दाहिनी ओर क्रम से युवराज धृष्टद्युम्न और उनके बाद अन्य राजकुमार बैठे थे, सत्यजित, उत्तमजस, कुमार, युद्धमन्यु, वृंक, पांचाल्य