"वैदिक शिक्षा बोर्ड" :सनातन धर्म, हिन्दू धर्म, धर्म शिक्षा एक आवश्यकता#
वैदिक ब्राह्मणों को अल्पसंख्यक घोषितकरनेकीयोजना#
सिख् समाज में गुरुद्वारों का सञ्चालन स्वामित्त्व सिखों द्वारा | मुस्लिम समाज धर्म शिक्षा मदरसों से प्राप्त करता हे वक्फ बोर्ड मुस्लिम सम्पतियों का स्वामित्त्व | ईसाई समाज कान्वेंट स्कूलों से किन्तु सनातन समाज वैदिक समाज में धर्म शिक्षा व मंदिरो की सम्पति पर सरमारी नियंत्रण तथा मुस्लिम व ईसाई समाज का वैचारिक आक्रमण |
परिणाम हिन्दू समाज बहुसंख्यक 77% किन्तु मात्र जन्म से ही कोई हिन्दू नहीं होता हिन्दू धर्म की शिक्षा तो हे ही नहीं | हिन्दू समाज में ब्राह्मण पर ही धर्म शिक्षा में समाज को दिशा देने व् नेत्तृव देने की जिम्मेदारी हे किन्तु आज ब्राह्मण समाज की कर्म व् आचरण पर ध्यान दे तो उन्हें हिन्दू भी पाया जाना संभव नहीं हे इसका मूल कारन ब्रिटिश व् कांग्रेसी षड़यंत्र व् हिन्दू धर्म , तथा सनातन धर्म विरोधी निति रही हे | न जाने कितने ही प्रकार के षड्यंत्र | वेचारा ब्राह्मण पेट पीला या धर्म अस्त्तिव के प्रश्न से समक्ष धर्म लुप्त हो गया | इस कारन में ब्राह्मणो को भी दोष नहीं देता |
वैदिक ब्राह्मणों को अल्पसंख्यक के विषय में है। जो वैष्णव है। नित्य नाम जप व सनातन धर्म को पालन कर रागे है।
वैदिक धर्म वैदिक ब्राह्मण ही बचाये है। शेड तो मात्र जन्मना ही ब्राह्मण है जीवन कर्म से तो ये हिंदू भी नही पाये जाते।
बाबा रामदेव ने ऐसी कारन सर्कार से वैदिक शिक्षा बोर्ड की मांग भी की थे जिसे मोदी सर्कार ने अभी तक स्वीकार नहीं हे. |
अभी कुछ समय से फेसबुक पर मोदी सर्कार की वैदिक ब्राह्मणों को अल्पसंयक समाज में शामिल करने की खबरे आ रही हे | जिस पर प्रथम दृष्टया समझ आता हे की यह भी हिन्दू समांज को बताने कि ही योजना लगती हे |
वैदिक ब्राह्मण को अल्पसंख्यक बनाने की योजना रामदेव जी की वैदिक शिक्षा बोर्ड की दिशा पिछले दरवाजा से सकारात्मक कदम मालूम होता है।
भविष्य में यही वैदिक भारत सनातन धर्म संस्कृति का आधार निर्माण करेगा। मैं सोचता हूं कि यह अप्रत्यक्ष रूप से आरक्षण की समाप्ति की राह आसान करेगा। यह प्रयास सम्भव ही अल्पसंख्यक समुदाय में नए समीकरण भी बनाने में सहयोगी होगा।
संविधान का उपयोग इस्लाम के विकल्प का निर्माण सविधनिक रूप में संभव है व श्रेष्ठ भी है।
हिंदु समाज की मूल आवश्यकता धार्मिक शिक्षा मदरसा व्यवस्था का प्रतिउत्तर है |
यह ब्राह्मणो को सम्मान दिलाने व ब्राह्मणवाद के वैचारिक आंदोलन का श्रीगणेश हे. .. यह एक प्रकार से गुरुकुलों की स्थापना का सुष्पष्ट मार्ग जिसे की संविधान का कवच सरक्षण व् वित्तीय पोषण भी मिलेगा.
वैदिक ब्राह्मणों को अल्पसंख्यक दर्जा मिलने पर लाभ ?
सनाथन धर्म की सुरक्षा होगी।
वैदिक धर्म की नैतिक शिक्षा पढ़ाई कराने का ब्राह्मण स्कूलों को अधिकार।
कम ब्याज पर लोन, व्यवसाय व शिक्षा तकनीकी हेतु उपलब्ध होंगे।
ब्राह्मण/ वैदिक कॉलेजों में ब्राह्मण बच्चों के लिए 50 प्रतिशत आरक्षित सीट होगी।
ब्राह्मण समुदाय में अल्पसंख्यक घोषित होने से सविधान के अनुच्छेद 25 से 30 के अनुसार ब्राह्मण समुदाय धर्म, भाषा, संस्कृति की रक्षा सविधान में उपलब्धों के अंतर्गत हो सकेगी।
ब्राह्मण धर्मावलंबियों के धार्मिक स्थल, संस्थाओं, मंदिरों, तीर्थ, क्षेत्रों एव ट्रस्ट का सरकारीकरण या अधिग्रहण आदि नही किया जा सकेगा अपितु धार्मिक स्थलों का समुचित विकास एव सुरक्षा के व्यापक प्रबंध शासन द्वारा भी किए जाएंगे।
उपासना स्थल से संबंधित सेक्शन 2 (सी) ऑफ नेशनल कमीशन फॉर माइनोरिटीज (एनसीएम) एक्ट (एनसीएम) 1992 के तहत किसी धार्मिक उपासना स्थल को बनाए रखने हेतु स्पष्ट निर्देश जिसका उल्लंघन धारा 6 (3) के अधीन दंडनीय अपराध है।
पुराने स्थलों एव पुरातन धरोहर को सुरक्षित रखना सन् 1958 के अधिनियम धारा 19 एव 20 के तहत सुरक्षित होगा।
समुदाय द्वारा संचालित ट्रस्टों की सम्पति को किराया नियंत्रण अधिनियम से भी मुक्त रखा जाएगा।
सनाथन धर्मावलम्बी अपनी प्राचीन संस्कृति पुरातत्व एव धर्मस्थलों का सरक्षण कर सकेंगे
जो प्रतिभावन अल्पसंख्यक विद्यार्थी जिले के उत्कृष्ट विद्यालयों में प्रवेश पाते हैं तो उनमें गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले विद्यार्थियों का 9वीं, 10वीं, 12वीं का शिक्षण शुल्क एव अन्य शुल्क पूर्णत माफ कर दिया जाएगा।
सनाथन मंदिरों, तीर्थ स्थलों, शैक्षणिक संस्थाओं इत्यादि के प्रबंध की जिम्मेदारी समुदाय के हाथ में दी जाएगी।
शैक्षणिक एव अन्य संस्थाओं को स्थापित करने या उनके संचालन में सरकारी हस्तक्षेप कम हो जाएगा।
विश्वविद्यालय द्वारा संचालित कोचिंग कॉलेजों में समुदाय के विद्यार्थियों को फ़ीस माफ़ या कम होने की पात्रता होगी।
सरकार द्वारा ब्राह्मण समुदाय को स्कूल, कॉलेज, छात्रावास, शोध या प्रशिक्षण संस्थान खोलने हेतु सभी सुविधाएं एव रियायती दर पर जमीन उपलब्ध करवाई जाएगी।
ब्राह्मण समुदाय के विद्यार्थियों को प्रशानिक सेवाओं और व्यवसायिक पाठ्यक्रम के प्रशिक्षण हेतु अनुदान मिल सकेगा।
ब्राह्मण समुदाय द्वारा संचालित जिन संस्थाओं पर कानून की आड़ में बहुसंख्यशकों ने कब्जा जमा रखा है उनसे मुक्ति मिलेगी।
ब्राह्मण द्वारा पुण्यार्थ, प्राणी सेवा, शिक्षा इत्यादि हेतु दान धन करमुक्त होगा।
ब्राह्मण धर्मावलम्बी को बहुसंख्यिक समुदाय के द्वारा प्रताड़ित किए जाने की स्थिति में सरकार ब्राह्मण की रक्षा करेगी।
अल्पसंख्यक समुदाय के धार्मिक स्थल के समुचित विकास एव सुरक्षा के व्यापक प्रबंध शासन द्वारा किए जाएंगे।
अल्पसंख्यक वर्ग युवाओं में खेलकूद व अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों में प्रोत्साहन हेतु अनुदान एक छात्रवृत्तियों में विशेष प्रावधानों का लाभ मिल सकेगा, ताकि गरीबी रेखा से नीचे आने वाले तथा आर्थिक स्थति से कमजोर वर्ग का शैक्षणिक, सामयिक एव आर्थिक विकास हो सके।
अल्पसंख्यक समुदाय के लिए कराए गए आर्थिक सामाजिक, शैक्षणिक स्थिति के सर्वेक्षण के आधार पर रोजगार मूल सुविधा का लाभ मिलेगा।
मुझे यह बहुत सटीक रणनीति प्रतीत होती हैं।
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