महाराष्ट्र कॉंग्रेस के वरिष्ठ नेता #पृथ्वीराज चव्हाण ने मन्दिरो का सोना मांग का बयान देश मे गरमा गरम विवाद है।
#राष्ट्रवादी #वामपंथी #कांग्रेसियों व #नक्सलियों आधुनिक #समाजवादियों की #नूराकुश्ती अजब गजब तमाशा देशभरबके हिंदुओ कोंबक पक्ष विपक्ष बनाकर #हिन्दू_मुस्लिम की राजनीति का दंगल सजा है।
#बॉलीबुड की #शख्शियतें तमाम #पत्रकार तलवारें खिंचकर #महाभारत का #कुरुक्षेत्र बनाकर युद्ध में व्यस्त हैं किंतु निष्पक्ष नग्न मन्दिरो का सच भी कोई जानता है।
कोई बताता है।
कौन हिंदुओ का अपराधी है इस विषय में?
कौन हितेषी व पक्षकार?
अपराधी भाजपा है या विपक्षी राजनीतिक पार्टियां।
संघ परिवार की क्या स्थिति है ?
मंदिरों पर सोना किसके पास इस विषय में अज्ञान की स्थिति होगी।
कभी सोचा था।
सच सुनिये।
1947 के बाद से ही नेहरू ने शासन सम्भालते ही मन्दिरो को सरकारी नियंत्रण में लिया टेम्पल एंडोमेंट एक्ट। मात्र मंदिर मस्जिदों गुरुद्वारा व चर्च सम्पतियों को नही ।
राज्य सरकार का अधिकार व बिषय बनाकर ट्रस्टों पर नियंत्रण जिसे फिर भरष्ट नोकरशाही ने मन्दिरो का धन लूटना असंभ किया ।।
तभी तो मंदिर प्रशासन में मुस्लिम व ईसाई अधिकारियों की नियुक्ति सरकारें बंगाल केरल व आसाम में करती है।
कांग्रेस की मंदिर कथा के बाद अब भाजपा सरकारी का आचरण देखते हैं।
अब भाजपा ने भी कितने ही राज्यों में समय समय पर सरकारे बनाती रही व इसी प्रकार से मन्दिरो को लुटती रही।
प्रमाण
2014 के बाद महाराष्ट्र भाजपा सरकार मुख्यमन्त्री आदरणीय देवेंद्र फडणवीस जी ने शनि शिंगणापुर की जमीन पर सरकारी कब्जा किया अधिग्रहण चुपचाप।
तिरुपति बालाजी केबकोश सेव 400 करोड़ रुपया बिना ब्याज करमुक्त व असीमित समयावधि के लिये सहज सरलता से समझिए कि पैसे को धन को 400 करोड़ रुपये कभी भी वापस मंदिर ट्रस्ट को लौटाने की कोई आवश्यकता नहीं।
उत्तराखंड सरकार ने भी अनुसरण करते हुए 21 मन्दिरो को बोर्ड बनाकर क़ब्जे में ले लिया।
इन विषयों को सुब्रमण्यम स्वामी जी ही कोर्ट में लेकर गये औऱ अभी भी मुकदमे के मुख्य पक्षकार व वकील है।
अब अटल बिहारी जी की सरकार के पुराने निर्णयों को भी जानतें है जिससे आपकी पोस्ट की निरर्थकता सिद्ध होंगी।
आपका कष्ट है कि कोंग्रेसी नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने व कुछ वामपंथी व विपक्षी अरबन नक्सलियों ने मन्दिरो का सोना क्यों मांगा।
ज़बाब में भयानक सत्य जानिए की भाजपा के प्रथम पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी जी अपने शासनकाल में सभी मुख्य सरकारी नियंत्रण के मंदिरों ट्रस्टों का सोना सरकारी नियंत्रण में पहले ही ले चुके है।
निष्कर्ष निकलता है कि वर्तमान में कोरोना के समय में भी केरल की वामपंथी सरकार ने पंडितों को नॉकरी से निकाल कर मंदिर से आधिकारिक तौर ओर लिखित में धन महाराष्ट्र सरकार देवेंद्र फडणवीस के आदर्शों पर प्रेरणा लेकर लिया व मस्जिद व चर्च व मिशनरियों को दिया ये भी आप समाचारों के माध्यम से जानते ही है।
वर्तमान भारत मे मन्दिरो के रास्ते हिंदुओं पर चढ़ावा व दान व मन्दिरो की दनः संपत्ति #जजिया_कर का तिलिस्म बना है। ये भरम हिंदुओ को हे। कि मंदिर में दान व चढ़ावा भगवान को अर्पित होने से पुण्य मिलता है। परंतु लगीं व सूचनाओं के अभाव में भगवान की सम्पत्ति ही देश धर्म व हिंदुओ की समाप्ति के मूल कारण बनी हुई है।
इस व्यवस्था को 90 /10 के अनुपात में सरकारें प्रत्यक्ष रूप से हिंदू मंदिरों का छलावा सफलता से दिखाया जा रहा है।
समझिए।
मन्दिरो नकु आय का 90 फीसदी हिस्सा सरकारे #धर्मनिरपेक्ष राज्य सरकार व केंद्र सरकार की योजनाओं में व शासन की सब्सिडी वितरण में व मदरसों मस्जिदों व जिहादियो के संरक्षण व संवर्धन में लोकतंत्र व संविधान के अनुसार व्यय कर रही है।
हिंदुओ को विषय का ज्ञान भी नहीं हैं।
10 फीसदी धन इस दुधारू गाय की व्यवस्था को चलाये जाने के लिये भी आवश्यक है तो मंदिर कर्मचारियों व मंदिर की व्यवस्थाओं को बनाये रखने के लिये दिखाया जाना जरूरी है।
सभी सूचनाएं RTI से प्राप्त व #समाचार पत्रों व न्यायालय में मुकदमेबाजी पर आधारित है।
प्रश्न :जरा सोचिए क्यो पंजाब में सिख मजदूरों का कोई पलायन नही दिखा मीडिया न्यूज चैनलों में?
जबाब :गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की लंगर व पूर्ण सिख्खो की सिख्खों के द्वारा सिख्खो के लिये सिखखशास्त्र गुरुग्रंथ साहिब के अनुसार।
प्रश्न: कोई टोपीवाला छोटे भाई का पजामा व बड़े भाई का कुर्ता पहने रोहिंग्या बंगलादेशी घुसपैठियों व गरीबी से परेशान मुस्लिम दिखाई दिया सड़कों पर हिंदु मजदूरों की तरह पलायन करता?
जबाब :मस्जिदों व मरकज़ व मदरसों ने मुस्लिम द्वारा मुस्लिम के लिए मुस्लिम शरीयत के हिसाब से सब हुआ।
मंदिर भी स्वतंत्र होते तो इस्कान मंदिर के अक्षयपात्र जैसे प्रकल्प देश के हिंदुओ जे पास एक नही सहस्तत्रों अक्षयपात्र होते?
धर्म को धन की शक्ति रहती तो कब का दनः हिन्दुराष्ट्र होते।
कोई नेहरू रूस इस्लाम वामपंथ UK USA हमारे समक्ष उपस्थित भी नही हो पाता।
UPA के शासनकाल का केरला का #पदम्भनाभ_मंदिर के गर्भगृह से 6 तलों का सोना व खजाना निकलने टी मीडिया ने लाइव दिखाया था।
#भाजपा व #संघ क्यों नही विरोध किये कुछ किये कुछ हुआ था क्या स्मरण कीजिए।
आज उंस धन के स्वर्ण व आभूषणों व हीरे जवाहरात का क्या हुआ कितनी क़ीमत अनुमान लगाया था।
कुछ याद आ गया हो तो हमारी भी जानकारी बढा दीजिये।।
कुछ समझें।
#राष्ट्रवादी बन्धु।
सनातन धर्म की जय हो।