जिस समय बापू नोआख़ाली की यात्रा पर थे, उसी समय 'बापू' कविता की रचना हुई थी। बापू नामक कविता संग्रह के रचयिता भारत के प्रसिद्ध कवि और निबन्धकार रामधारी सिंह दिनकर हैं। यह छोटी-सी पुस्तक विराट् के चरणों में वामन का दिया हुआ क्षुद्र उपहार है। दिनकर जी की इस पुस्तक का प्रकाशन 'लोकभारती प्रकाशन' द्वारा किया गया था।
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