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भगवान का मनुष्य से सवाल

10 अप्रैल 2016

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हे मनुष्य - एक बात बता क्या मेने तुझसे कहा है की मेरी पूजा करो ।

मनुष्य ने कहा - "नहीं "

भगवान ने मनुष्य से कहा - फिर एक बात बताओ की तुम दिन देखो ना रात मुझे हर वक़्त बेवक्त क्यों पूजते हो ।

मनुष्य ने कहा - हे भगवन तुम ही ने तो ये दुनिया बनायी है तुम ही इसके मालिक हो, अब तुम ये केसी बातें कर रहे हो ? 

मनुष्य की बात सुन भगवान हँसने  लगे ओर 

कहा - ये सच है की मेने ये दुनिया बसायीं है पर इसका मालिक मैं नहीं तुम हो ।

ऐसा सुन मनुष्य ने कहा-

आप ये क्या कह रहें है भगवान 

भगवान ने कहा - माना मेने ये दुनिया बनायी पर इस दुनिया को तो तुम ही चला रहे हो अपने कर्मों से अपनी मेहनत से अपनी सोच से । 

फिर मैं इसका मालिक केसे हुआ।

अब मेरी बात गोर से सुनो जब मनुष्य पैदा होता है तब उसे पैदा करने वाला कोन होता है ?मेरे सवाल का जवाब दो 

मनुष्य - उसके माँ बाप , हम इंसान ही 

भगवान - उसको चलना कोन सिखाता है ?

मनुष्य -  उसके माँ बाप , हम इंसान ही 

भगवान - उसको बातें करना कोन सिखाता है ?

मनुष्य - उसके माँ बाप , हम इंसान ही

भगवान - उसको अपने पेरों पर चलना कोन सिखाता है ?

मनुष्य - फिर से वही जवाब 

भगवान - उसको अच्छा कर्म करना ओर संस्कार कोन सिखाता है ?

मनुष्य - फिर से वही जवाब 

भगवान - अब सुन ये मनुष्य सब तूने किया फिर 

भी तू इसका क्ष्रेय मुझे क्यों देता है मुझे याद करना है तो मन मैं याद कर दिखावा मत कर, मुझे पूजने की इच्छा हो तो अपनी माँ को पूज लिया कर ओर दान करना है तो दान पेटी मैं नहि 

किसी ग़रीब को किया कर , अगर प्रशाद चढ़ना है तो किसी ग़रीब को खिला दिया कर , मुझ पर 

दूध चढ़ाना है तो किसी ग़रीब के बच्चे को पिला दिया कर । इसी मैं तेरी भलाई है, इन अच्छें कर्मों से ही तू अपना जीवन सुधार सकता है ओर एक बड़ी ही महत्वपूर्ण बात है कि बच्चा जब पैदा होता है तो उसको मंदिर की सीढ़ियाँ ना चढ़ाकर अपने माँ पिताजी की सेवा करना सिखाओ । 

मनुष्य - भगवान की बातें सुन मनुष्य को समझ आ गया की मनुष्य का रचयिता  भले ही भगवान हो पर आज मनुष्य जो भी कुछ करता है अपने जीवन मैं वो स्वयं ही उसका रचयिता है ।  


--- योगिता वार्डे ( खत्री )



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