आओ मिल जुल एक दीप जलायें,
प्यार,सम्मान, एकता की मिसाल दे कर
एक नयीं रोशनी जगाएँ।
बड़ी- बड़ी लड़ियाँ, बम ओर कहीं जान
लेते पटाखों को छोड़, हम मिट्टी का दीप जलाएँ,
ग़रीबों की मदद करें ओर सबकी
ख़ुशियों में शामिल हो जाएँ,
आओ मिल जुल एक दीप जलाएँ,
आओ मिल जुलकर एक दीप जलाएँ।
शब्दनगरी के सभी सदस्यों को मेरी
तरफ़ से दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ!
---- योगिता वॉर्ड( खत्री)