बस एक झिझक एक सवाल करने तो चले है हम अपना हाल ए दिल बयां कहीं दर्द न छलक जाए नज़र ना आ जाए गम के निशान कहीं चाहत को बुंदे ना बरस जाए खुशी के लम्हों में भीगकर होश न कहीं खो जाए हाल ए दिल करने चले जो हम बयां कही एहसासों में ना इतना खो जाए जज़्बात दिल के शब्दों में उलझ जाए जिक्र हर लम्हे का आएगा कोई लम्हा खुशी तो कभी जख्म भी कुरेदा जायेगा कोई पीर दिल को दिखाएगा कोई खुशनुमा पल लबों पर मुस्कान भी सजाएगा हाल ए दिल जो करने चले हम बयां खुशी गम दर्द और हंसी के मिलेंगे निशान एक प्यार ऐसा ना मिला साथी मुझे मेरा जैसा हाल ए दिल जिंदगी और इश्क जिसमे दर्द भी है शामिल कुछ दिल की अनकही बातें सजाए शब्दों में दिल का हाल कुछ मन की व्यथा कुछ उलझे मन के सवाल
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