✍️एक ऐसा स्थान जहां सामाजिक, आर्थिक, वैवाहिक, पारिवारिक, निजी, हंसी-ठीठोली, मस्ती-मजाक, सहित अनेकानेक विषयों पर चर्चा सामूहिक रूप से की जाती थी। जहां समय की कोई सीमा निर्धारित नहीं होती थी।
फिर मौसम चाहे जो हो।
चैट रूम हमें हमारे बुजुर्गों से विरासत के रूप में मिली चौपाल, बैठक, द्वार आदि का ही संक्षिप्त रूप है जो आज ड्राइंग रूम से भी निकलकर नयी टेक्नोलॉजी के रूप मोबाइल तक सिमट कर रह गया है। इसके जरिए निजी अथवा सामूहिक रूप से हम गांव, देश- विदेश के किसी भी क्षेत्र से कहीं भी किसी भी रूप में संपर्क अथवा जानकारी हासिल कर सकते हैं। 🙏