हैजा एक संक्रामक बीमारी है जो दूषित पानी पीने के कारण दस्त का कारण बनता है,जिससे मानव शरीर का निर्जलीकरण हो सकता है और इसका समय से इलाज न हो तो मृत्यु भी हो सकती है| हैजा विब्रियो कोलेर नामक एक जीवाणु से दूषित भोजन या पीने के पानी के कारण से होता है| हैज़ा की बीमारी में डिहाइड्रेशन, उल्टी और डाइरिया जैसी समस्यायें होती हैं। हैजा के बैक्टीरिया के हमले से शरीर में प्रति घंटे लगभग एक लीटर फ्ल्यूएड की क्षति होती है। इसके बाद शरीर का रक्त गाढ़ा होने लगता है और जो मृत्यु की वजह बनता है।
दूषित स्थान, युद्ध और अकाल वालें जगहों में इस रोग फैलने का खतरा अधिक रहता है| हैजा भारत में ही नहीं बल्कि सामान्य स्थानों में अफ्रीका, दक्षिण एशिया और लैटिन अमेरिका के कुछ हिस्सों में भी इसका प्रकोप देखने को मिलता है। हैजा भले ही एक गंभीर बीमारी है लेकिन इसका इलाज आसानी से संभव है।
हैजा के लक्षण (Cholera symptoms)
हैजा के लक्षण कुछ घंटों या संक्रमण के बाद शुरू होते हैं| इस बीमारी में रोगी को उल्टी के साथ दस्त हो सकता है, जिससे मानव के शरीर में जल की कमी हो सकती है|
· हैजा रोग में लगातर उल्टियाँ और दस्त होते हैं। हालांकि कई बार ऐसा देखा गया है कि इसमें रोगियों का जी मचलाता है।
· लगातार दस्त और उल्टियां होने मानव शरीर बहुत थका-थका सा महसूस करता है।
· इस रोग में रोगी को बुखार नहीं आता है लेकिन वह खुद को कमजोर सा महसूस करता है।
· हैजा से पीड़ित रोगी को प्यास अधिक लगती है और नाड़ी दर धीमी हो जाती है
· इसमें रोगी को पेशाब बहुत कम आता है और चक्कर जैसा महसूस होता है।
हैजा रोग के कारण (Causes of Cholera)
विब्रियो कोलेरे जीवाणु जो हैजा का कारण बनता है, आमतौर पर संक्रमण से एक व्यक्ति के मल से दूषित भोजन या पानी में पाया जाता है जब मक्खियाँ उस मल पर बैठती हैं, तो उनके पैरों की गद्दियों में ये बैक्टीरिया चिपक जाते हैं और जब ये मक्खियाँ खाने की वस्तुओं पर बैठती हैं, तो बैक्टीरिया उस वस्तु से चिपक जाता है और वही जब इन वस्तुओं का सेवन कोई व्यक्ति करता है तो यह बैक्टीरिया उसके आंत में पहुंच जाते हैं और आंतों में संक्रमण पैदा कर देते है। यह बीमारी शीघ्र महामारी का रूप धारण कर लेती है, इसलिए सार्वजनिक स्थानों पर सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। खुले स्थानों पर रखी वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए।
हैजा के कुछ निम्न कारण भी है-
· खराब व दूषित जल के सेवन से
· दुकानों पर खुली वस्तुओं और पेय पदार्थों के सेवन से
· गंदे पानी से उगाए गए सब्जियों के सेवन से
जब कोई व्यक्ति दूषित भोजन या पानी की खपत करता है, तो जीवाणु आंतों में एक जहर को छोड़ देता है, जिससे रोगी को गंभीर दस्त होने लगता है।
हैजा की रोकथाम (Cholera of Prevention)
आप अपने आपको और परिवार को साफ-सफाई के जरिए रहकर इस रोग से आसानी से बच सकते है। आप जो भी पीने का पानी इस्तेमाल करें वह उबला हुआ होना चाहिए या वह बोतलबंद पानी होना चाहिए जो सभी कीटाणुओं से रहित होना चाहिए।
1. पीने का पानी साफ सुथरा होना चाहिए|
2. प्रतिदिन आप अपने दांतो की सफाई करें।
3. भोजन से पहले अपने हाथों को अच्छी तरीके से धोएं
4. साफ-सुथरें तरीके से भोजन को पकाएं और फलों और सव्जियों को धुलकर ही उनकी सेवन करें।
5. कच्चा या अंडरकुक्ड मांस के सेवन से बचें
6. उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पकड़ी गई मछली का सेवन करने से बचें वह दूषित हो सकता है|
हैजा का उपचार (Treatment of cholera)
हैजा के लिए मुख्य उपचार रिहाइड्रेशन है| इसका लक्ष्य है कि एक सरल पुनर्जलीकरण समाधान को बनाना और मौखिक रीहाइड्रेशन लवण (ओआरएस) का उपयोग करके खोए गए तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट्स को बदलना है| ओआरएस समाधान एक पाउडर के रूप में उपलब्ध है, जिसे उबला हुआ या बोतलबंद पानी में पुनर्गठित करके उनका सेवन किया जा सकता है|
कुछ एंटीबायोटिक्स दवाइयां भी है जो जीवाणुओं को मारते हैं, जो आपके लगातार आ रहे दस्त को रोक सकते है। कुछ एंटीबायोटिक्स दवाइयां निम्न है जिनका सेवन आप डॉक्टर के सलाह से कर सकते है- जैसे सिप्रो, सिप्रोफलोक्सासिन और विब्रम्य्सिन आदि
हैजा में घरेलू उपचार (Home Remedies in Cholera)
· हैजा होने पर हींग (एक ग्राम), कपूर (एक ग्राम) के साथ दो हरी मर्चों को पीसकर गोली बनाएं और प्रतिदिन चार बार गुनगुने पानी के साथ इसका सेवन करे।
· हैजे में अधिक प्यास लगने पर मुनक्का को पानी में उबालकर चबाएं और उसी पानी में 2-3 चम्मच शहद मिलाकर पी लें। इससे आपको विशेष लाभ मिलेगा।
· गूलर के पत्तों का रस पीने से हैजा दूर होता है।