महिलाओं में पीरियड्स आना प्राकृतिक प्रक्रिया है यह पीरियड्स हर महीने में 3-6 दिनों तक रहती है ऐसे में कई महिलाओं को इस समय गंभीर दर्द और परेशानी से गुजरना पड़ता है। कई बार पीरियड्स देर से आने की समस्या और ब्लीड़िग नहीं रुकने को महिलाएं काफी परेशान रहती है ऐसे में आज हम महिलाओं के पीरियड्स की समस्या को लेकर पीरियड्स में दर्द से राहत पाने की होम्योपैथिक दवा Periods Pain Homeopathic Medicine In Hindi को लेकर आए जिनके द्वारा महिलाएं मासिक धर्म के समय होने वाले दर्द की समस्या से काफी हद तक छुटकारा पा सकती है। पीरियड्स समय से नहीं आने के कारण शरीर में कमजोरी और चिंता, तनाव हो सकता है। कई बार अधिक दवाओं के सेवन और अनियमित खान-पान के प्रभाव के कारण भी माहवारी आने में समय लगता है। शरीर में पोषक तत्वों की कमी और हार्मोन का अंसतुलन भी पीरियड्स समय से नहीं आने के कारण बाधा बनता है।
पीरियड्स में दर्द से राहत के लिए होम्योपैथिक दवाएं
1.मेग-फॉस (MAG-PHOS 6X)- जब महिलाओं को अनियमित पीरियड्स और पीरियड्स के समय शरीर में सूजन, पेट में गंभीर दर्द हो तो इस दवा का उपयोग किया जाता है। यह दवा सिर्फ दर्द को नहीं बल्कि अन्य कई बीमारियों को ठीक करने के कार्य भी करती है। मासिक धर्म का दर्द भी तंत्रिका उत्तेजना के कारण होता है अगर इस दर्द में सेंकने से आराम हो तो मैग फॉस से ठीक हो जाएगा।
2.सिमसीफुगा (CIMICIFUGA 200)- ज्यादातर महिलाओं में पीरियड्स के समय कमर में तेज दर्द रहने की समस्या होती है और अधिक रक्त स्त्राव होने पर योनि में शरीर में दर्द होने लगता है तब यह दवा उपचार के तौर पर कार्य करती है। जिन महिलाओं को चिंता और तनाव की स्थिती रहती है और शरीर में बैचनी सी महसूस होती है। इस दवा का उपयोग आप होम्योपैथिक चिकित्सक के सलाह के अनुसार ही करें जिससे कि इसके होने वाले दुष्प्रभाव से बच सकें।
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3.कोकलस–इंडिका (Cocculus Indica 200)- इस दवा का पीरियड्स के दौरान कई बार महिलाओं को जी मिचलाना और उल्टी जैसी समस्या हो जाती है और शरीर कमजोर महसूस होना, चक्कर आने की समस्या होने पर उपचार के लिए उपयोग में लाई जाती है और कोकलस-इंडिका का उपयोग करनें पर जिन लोगों को यात्रा के दौरान के जी मिचलाना और उल्टी जैसी समस्या होती है वह खत्म हो जाती है। इस दवा की एक मात्र बूंद के प्रयोग से उल्टी की समस्या खत्म हो जाती है। हालांकि भिन्न-भिन्न लोगों में इसके परिणाम अलग हो सकते है इसीलिए चिकित्सक की सलाह से ही दवा का सेवन करें।
4.कोलोफायलाम (CAULOPHYLUM 30)- पीरियड्स के दौरान बहुत अधिक दर्द होने पर या पेट में ऐंठन होने पर इस दवा को उपयोग उपचार के लिए किया जाता है। वहीं इस दवा प्रयोग प्रसव के अंतिम समय में होने वाले दर्द की पीड़ा को शांत करने के लिए भी किया जाता है। प्रसवकाल के समय में यह दवा गर्भपात होने की संभावना को भी रोकने में सहायता प्रदान करती है।
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5.केमोमिला (CHAMOMILA 200)- इस दवा का उपयोग मुख्यत दर्द से राहत पाने के लिए किया जाता है। अनिद्रा की शिकायत होने पर भी दवा का उपयोग उपचार के लिए किया जाता है। पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द से जब रोगी अधिक चिड़चिड़ा और गुस्सैल हो जाता है तब इस दवा का उपयोग किया जाता है। इस औषधी का उपयोग आप डॉक्टर के सलाह के उपरांत करें।
इन दवाओं का इस्तेमाल आप डॉक्टर के परार्मश के बाद करें ताकि आप इनसे होने वाले दुष्प्रभावों से सुरक्षित रह सकें। पीरियड्स में दर्द होने पर आप घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय भी अपनाकर इस समस्या से राहत पा सकते है।
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