पीलिया रोग भारत में एक गंभीर बीमारी के रुप में उभरकर सामने आई है। पीलिया रोग होने पर त्वचा और आंखों के सफेद भाग पर पीलापन छा जाता है । पीलिया रोग होने में बिलीरुबीन नामक पदार्थ सहायक होता है जिसका निर्माण हमारे शरीर के ऊतकों और रक्तों में होता है। जब शरीर के लिवर में लाल रक्त कोशिकाएं टूटती है तब बिलीरुबिन नामक पीले रंग का पदार्थ बनता है और इस परिस्थिती में यह पदार्थ रक्त से लिवर के द्वारा फिल्टर करके बाहर नहीं निकल पाता है तब मानव शरीर में पीलिया नामक रोग हो जाता है। इस रोग के होने पर नाखून,त्वचा, आंख और पेशाब पीला हो जाता है। पीलिया रोग होने पर रोगी को बेहद कमजोरी, थकान,सिरदर्द और भूख न लगने की समस्या होने लगती है।
पीलिया रोग होने के कारण
1.जब मानव शरीर के खून में बिलीरुबिन नामक पदार्थ की मात्रा ज्यादा हो जाती है तो लिवर गंदगी साफ करने में असमर्थ हो जाता है और यही पीलिया रोग का प्रमुख कारण बनता है।
2.मलेरिया, सिकल सेल एनीमिया,थैलेसीमिया और गिल्बर्ट सिंड्रोम जैसे रोग होने पर भी ये बिलिरुबिन के निर्माण की गति को तेज कर देते हैं, जो पीलिया रोग होने का कारण बनता है। जबकि हेपेटाइटिस, अल्कोहलिक लिवर की बीमारी, ग्रंथियों का बुखार, लिवर का कैंसर, और यहां तक कि अत्यधिक मात्रा में शराब पीने से बिलिरुबिन को प्रोसेस करने की लिवर की क्षमता प्रभावित होती है
3.लिवर की बीमारी या लिवर की कोशिकाओं में किसी तरह का नुकसान, लिवर का कैंसर, अत्याधिक मात्रा में शराब का सेवन करने पर ये सभी लिवर की क्षमता को प्रभावित करते है जो आगे चलकर पीलिया का कारण बनती है।
4.पोस्ट-हिपोटिक नामक पीलिया पित्त नलिका में रुकावट के कारण जन्म लेता है। जो लिवर में किसी भी प्रकार के घाव, पित्ताशय की पथरी, हेपेटाइटिस या किसी अन्य दवाओं के अधिक सेवन के कारण हो सकता है।
पीलिया होने का लक्षण
पीलिया रोग होने पर सबसे आम लक्षण त्वचा,नाखून और आंखों के सफेद भाग में पीलापन हो जाता है जिसके कारण पीलिया रोग को पहचानना काफी आसान हो जाता है। पीड़ित रोगी को अगर लंबे समय तक थकान महसूस हो तो यह पीलिया रोग होने का लक्षण हो सकता है। हम आपको पीलिया के कुछ लक्षण नीचे बता रहे है जिन्हें जानकर आप पीलिया के लक्षण का पता आसानी से लगा सकते है-
1.शरीर में लगातार बुखार होना
2.कमजोरी और थकान महसूस करना
3.भूख कम लगना और वजन में कमी होना
4.पेशाब का रंग पीला होना
5.कब्ज और सिरदर्द की समस्या
6.शरीर में जलन और कुछ स्थानों पर खुजली होना
7.पेट में दर्द होना
पीलिया का इलाज
डॉक्टर मरीज की शारीरिक स्थिति को समझकर पता लगा सकता है कि रोगी को पीलिया रोग है या नहीं। ज्यादातर मामलों में आंखों और त्वचा के रंग से पीलिया रोग की पहचान हो जाती है। फिर भी डॉक्टर पुष्टि करने के लिए ब्लड टेस्ट करवाने की सलाह दे सकता है जो निम्न प्रकार के हो सकते है-
1.बिलिरुबिन टेस्ट
2.फुल ब्लड काउंट (एफबीसी) या कम्प्लीट ब्लड काउंट (सीबीसी) का जांच परीक्षण करवाना।
3.हेपेटाइटिस ए, बी और सी का जांच परीक्षण
यदि डॉक्टर को लगता है कि पीलिया के साथ कुछ अन्य परेशानियां, जैसे कि लिवर में सिरोसिस य कैंसर जैसी स्थिति के लक्षण भी हैं तो वह मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) या पेट का अल्ट्रासाउंड या सीएटी स्कैन या लिवर बायोप्सी करवाने की सलाह भी दे सकता है।डॉक्टर रोग के परीक्षण के अनुसार इलाज की प्रक्रिया को शुरु कर देता है। अगर पीलिया हेपेटाइटिस से हुआ है तो उसका इलाज स्टेरॉयड दवाओं के माध्यम से किया जा सकता है। पीलिया के संक्रमण के अनुसार एंटीबायोटिक्स दवाओं के इस्तेमाल से रोग पर रोकथाम हो सकती है। वहीं बच्चों को पीलिया की शिकायत होने पर उन्हें सिकाई जरिए ठीक किया जाता है।
पीलिया रोगियों के कुछ टिप्स
1.पीलिया से पीड़ित रोगियों को कुछ चीजों के सेवन से परहेज करना चाहिए जैसे मासलेदार अधिक तेल युक्त भोजन का प्रयोग करने से बचना चाहिए।
2.पीलिया रोगियों को शराब का सेवन बंद कर देना चाहिए क्योंकि यह लीवर के अधिक नुकसानदायक सिद्ध हो सकता है।
3.रोगियों को फास्ट फूड के सेवन से बचना चाहिए।
4.रोगियों को अपने आहार में हरी सब्जियों का शामिल कर उनका सेवन करना चाहिए बशर्ते वह पचने योग्य होना चाहिए।
5.पीलिया रोगियों को मूली और करेला जैसी सब्जियों का सेवन करना चाहिए जो स्वाद में कड़वी महसूस हो।
6.पीड़ित रोगियों को नींबू का रस,मूली और टमाटर का सूप पीने से काफी लाभ मिलता है।
7.रोगियों को ताजे फल का जूस और छाछ व नारियल के पानी का सेवन करना चाहिए।
8.पीलिया रोगी को ड्रग्स,नशीली दवाओं के सेवन से बचना चाहिए।
9.रोगी को सुबह उठकर कुछ व्यायाम करना चाहिए लेकिन ज्यादा मेहनत वाले एक्सरसाइज करने से बचना चाहिए।
10.पीलिया रोग में मत्स्यासन योग करना चाहिए।