ट्यूबरक्लोसिस केवल हमारे फेफड़ो को ही प्रभावित नहीं करती है बल्कि यह मस्तिष्क को भी प्रभावित करती है। टीबी का बैक्टीरियल इंफेक्शन हमारे ब्रेन को क्षति पहुंचाती है जिसके कारण दिमाग के ऊतकों में सूजन आ जाती है। ब्रेन टीबी को मेनिनजाइटिस ट्यूबरक्लोसिस के नाम से भी जाना जाता है। यह बीमारी सभी उम्र के लोगों को हो सकती है हालांकि इसके मरीजों की संख्या फेफड़ों के टीबी के तुलना में अभी कम देखें गए है। आज हम इस लेख के माध्यम से आपको ब्रेन टीबी Brain TB In Hindi के लक्षण, कारण, उपचार और बचाव के बारें बताएंगे जिससे कि आप इस बीमारी के अधिक जानकारी प्राप्त कर सकें-
ब्रेन टीबी के लक्षण | Symptoms Of Brain TB
ब्रेन टीबी के लक्षणों की शुरुआत शरीर में काफी धीरे-धीरे होती है जो आगे चलकर एक गंभीर बीमारी का रुप धारण कर लेते है। इसके रोगियों में शुरुआती लक्षण निम्न प्रकार के होते है-
1- बुखार व ठंड लगना
2- मानसिक कमजोरी
3- उल्टी या मतली
5- गर्दन कठोर हो जाना
6- थकान और कमजोरी
7- स्वभाव में परिवर्तन
ब्रेन टीबी होने के कारण | Causes Of Brain TB
ब्रेन टीबी होने के बहुत सारे कारण हो सकते है जिसमें अधिक एल्कोहल का सेवन करना, एचआईवी एड्स, फेफड़ों की टीबी, रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी आदि होते है। ब्रेन टीबी होने पर काफी सारी जटिलताएं भी पाई जाती है जिसमें मानव शरीर को बहरापन, मस्तिष्क में दबाव बढ़ना, ब्रेन स्ट्रोक, ब्रेन डैमेज, अधिकांश मामलों में रोगी की मृत्यु भी हो जाती है। अगर आपके शरीर में एक ही समय में सिरदर्द और दृष्टि परिवर्तन जैसी समस्या उत्पन्न हो तो यह खतरें का निशानी हो सकता है। आप तत्काल अपने डॉक्टर से संबंध में संपर्क करें यह संकेत मस्तिष्क में बढ़ते दबाव का हो सकता है जो आगे चलकर एक गंभीर समस्या बन सकती है।
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ब्रेन टीबी का इलाज | Treatment Of Brain TB
अगर आपको कई दिन से सिर में दर्द हो रहा हो, या लगातार बुखार, उल्टी या मतली जैसी समस्या उत्पन्न हो तो आप अपने नजदीकी अस्पताल में संपर्क करें यह दिमागी टीबी के लक्षण हो सकते है। इस बीमारी में धीरे-धीरे पैर की नसें सुन्न होने लगती है तो अन्त में मरीज कोमा में चला जाता है। ज्यादातर टीबी के कीटाणु फेफड़ो को प्रभावित करते है लेकिन आप जानते है कि कभी-कभी यह कीटाणु रक्त के जरिए दिमाग तक पहुंच जाते है अगर सही समय पर इसका इलाज प्रारंभ कर दिया जाए तो इस बीमारी पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है। ब्रेन टीबी के होने पर डॉक्टर प्रणालीगत स्टेरॉयड का उपयोग करने की सलाह दे सकते है। यह टीबी के जटिलताओं को कम करने में प्रभावी रहता है।
आमतौर पर डॉक्टर टीबी के इलाज के इन दवाओं के सेवन करने की सलाह दे सकते है जो निम्न है-
1. आइसोनियाज़िड Isoniazid
2. रिफम्पिन Rimapin
3. पायराज़ीनामाईड Pyrazinamide
4. एथेमब्युटोल Ethambutol
हालांकि चिकित्सक दवाओं का इस्तेमाल रोगियों के बीमारी के अनुरुप दवा का सेवन करने की सलाह दे सकते है आप किसी भी दवा का उपयोग बगैर डॉक्टर के सलाह के नहीं करें।
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ब्रेन टीबी होने पर बचाव |Prevention Of Brain TB
इस बीमारी को रोकने का सबसे महत्वपूर्ण तरीका टीबी के संक्रमण को बढ़ने से रोका जाना होता है। ऐसे समुदाओं में जहां टीबी की समस्या आम है वहां पर बैसिलस कैलमेट-ग्यूरिन (बीसीजी) वैक्सीन बीमारी के प्रसार को बाधित करने का कार्य करता है। यह टीका ज्यादातर छोटे बच्चों में टीबी को संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी होता है। टीबी रोग निष्क्रिय और सक्रिय दोनों अवस्था में अपने संक्रमण को प्रासरित करते है। कई बार रोगी में कोई लक्षण प्रभावी नहीं होता है फिर भी निष्क्रिय संक्रमण वाले कीटाणु अब भी यह रोग को फैलाने में सक्षम होते है।
ब्रेन टीबी होने पर क्या खाएं - What To Eat If You Have Brain TB
अगर आप सही डाइट का सेवन करते है तो यह टीबी के संक्रमण को फैलने से रोकने में कारगर साबित होता है। आप अपने आहार में हरी सब्जियां, ताजे फल, प्रोटीन व आयरन से भरपूर भोजन का सेवन करना चाहिए। अगर शरीर में पोषक तत्वों की मात्रा भरपूर रहेगी तो शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है जो शरीर में तमाम प्रकार की बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। आप अपने डाइट में संतरें, सेब, अनार, अंगूर, और तरबूज को शामिल करें। रोजाना दूध का सेवन भी करें दूध में कैल्शियम की मात्रा भरपूर होती है।
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ब्रेन टीबी होने पर परहेज - Avoiding Things On Brain TB
अगर आपको टीबी रोग की शिकायत है या इसके लक्षण पाए जाते है तो आप बाहरी जंक फूड और डिब्बाबंद भोजन का सेवन करनें से परहेज करें। इसके अलावा आप चाय और कॉफी का सेवन नहीं करें। ध्रूमपान और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। ज्यादा तेल से निर्मित चीजों को भी खाने से बचना चाहिए।