माइग्रेन से पीड़ित रोगियों के सिर के किसी भी भाग में बहुत तेजी के साथ दर्द उठता है और यह दर्द इतने अचानक से होता है कि पीड़ित व्यक्ति इसके लिेए तैयार नहीं हो पाता है। इसमें ज्यादातर एक ही तरफ दर्द होता है जिस कारण इसे अधकपारी भी कहते है। अगर कोई व्यक्ति लंबे समय से किसी भी प्रकार के तनाव और चिंता से ग्रसित रहता है तो उसको माइग्रेन होने की शिकायत अधिक रहती है। मेनिनजाइडटिस और इन्सेफेलाइटिस नामक गंभीर संक्रमण भी इस रोग के कारण हो सकते है।
आधा सिरदर्द के प्रकार
1-टेंशन सिरदर्द- इसमें रोगी को तनाव और गर्दन व जबड़े से जुडी़ मांसपेशी में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर टेंशन सिरदर्द का कारण होता है।
2-माइग्रेन-यह टेंशन सिरदर्द के मुकाबले इसमें सिरदर्द कम समय के लिेए होता है। लेकिन इसका दर्द असहनीय होता है। माइग्रेन सिरदर्द महिलाओं में अधिक पाया जाता है।यह थकान,नींद की कमी, भावनात्मक तनाव और कैफीन का अधिक सेवन के कारण होता है।
3-क्लस्टर सिरदर्द- यह सिरदर्द में दर्द बहुत गंभीर होता है हालांकि इसके बहुत ही मामलें देखने को मिलते है। यह अधिक धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों को अधिकतर होता है। इसमें सिर का एक तरफ का हिस्सा बहुत तेजी के साथ दर्द होता है।
माइग्रेन (आधे सिर में दर्द) रोग होने का लक्षण:-
इस रोग से पीड़ित रोगी के सिर के आधे भाग में तेज दर्द होता है तथा सिर में दर्द होने के साथ-साथ रोगी को उल्टी होने की इच्छा भी होती है। इसके अलावा रोगी को चिड़चडाहट तथा दृष्टिदोष भी उत्पन्न होने लगता है। इस रोग का प्रभाव अधिकतर निश्चित समय पर होता है।
माइग्रेन का दर्द ज्यादातर आंख के पास से शुरु होता है फिर पूरे सिर में फैल जाता है। माइग्रेन के कुछ लक्षण निम्न हो सकते है-
तेज रोशनी को सहन नहीं कर पाना
आंखो से धुधंला दिखाई देना
उल्टी होना और जी मचलाना
तेज आवाज से चिड़चिड़ापन होना
माइग्रेन (आधे सिर में दर्द) रोग होने का कारण-
सिरदर्द होने का प्रमुख कारण चिंता और तनाव होता है। ठीक से नींद पूरी नहीं होना भी इस बीमारी का प्रमुख कारण है।माइग्रेन की शिकायत कुछ निम्न प्रकार के कारणों से पाए जाते है-
गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव और गांठ का बनना।
सिरदर्द की अधिक दवाएं लेने के कारण
कैफीन युक्त पदार्थों का सेवन के कारण
भूखे रहने के कारण
डिप्रेशन के कारण
माइग्रेन की शिकायत शरीर में हुए रोगों के कारण भी हो जाता है जैसे-सर्दी,जुकाम,बुखार और कब्ज के कारण भी हो सकता है और वहीं महिलाओं के मासिक धर्म में गड़बड़ी होने के कारण भी यह रोग स्त्रियों में होता है।आंखों में दृष्टिदोष होना भी माइग्रेन का कारण बन सकता है।असंतुलित भोजन का अधिक उपयोग करने के कारण रोगी को माइग्रेन रोग (आधे सिर में दर्द) हो सकता है।
माइग्रेन का इलाज
माइग्रेन का इलाज मुख्यत इसके प्रकार पर निर्भर करता है ज्यादातर मामलों में डॉक्टर के परामर्श लेकर कुछ दर्दनिवारक दवाओं के सेवन से ही माइग्रेन बीमारी ठीक हो जाती है।अगर दवाओं के सेवन से सिरदर्द ठीक नहीं हो पा रहा है तो डॉक्टर आपको कुछ जांच परीक्षण के लिए भेज सकता है ताकि बींमारी का सही रुप से पता चलने पर आपका इलाज सही रुप में हो पाए।
क्लस्टर के इलाज के लिए डॉक्टर आपको शुद्ध ऑक्सीजन इन्हेलेशन प्रकिया का सुझाव दे सकते है। साइनस इंफेक्शन के कारण होने वाले सिरदर्द में एंटीबायोटिक दवाओं के द्बारा इसपर काबू पाया जा सकता है। आप अपने जीवन शैली में बदलाव करके और संतुलित आहार को अपना कर ही इस रोग से मुक्त हो सकते है।
माइग्रेन पीड़ितो के लिए आहार
माइग्रेन से पीड़ित रोगियों को प्रतिदिन सुबह खाली पेट एक सेब का सेवन करने से लाभ होता है।
रोगियों को फल,हरी सब्जियांऔर अंकुरित दालों का सेवन करना चाहिए।
सुबह-शाम में खुले वातावरण में टहलने से रोगियों को लाभ मिलता है और इसमें रोगियों को अपने मन को शांत रखने की आवश्यकता होती है।
गर्मी के मौसम होने पर सिर पर गीला कपड़ा रखने से सिर काफी ठंडा रहता है।सारे चिंता और तनावों को अपने से दूर कर देना चाहिए।