जब शरीर के जोड़ो में दर्द होता है तो उसे जोड़ों का दर्द (Jodo Ka Dard ) कहा जाता है। अक्सर बढ़ती उम्र के लोगों में इसकी शिकायत पाई जाता है। इसे संधि शोथ भी कहा जाता है। जोड़ों में दर्द उठने के कई कारण हो सकते है जैसे- चोट लगने से,संक्रमण के कारण, या फिर अर्थराइटिस के कारण (हड्डियों में कमजोरी) के कारण से जोड़ों में दर्द प्रारंभ होता है। ज्यादातर यह दर्द घुटनों में पाया जाता है। यह शरीर के किसी भी हिस्सें में पाया जा सकता है जिसमें कंधे और कूल्हें भी शामिल होते है। कभी कभी यह दर्द बेहद ही असहनीय हो जाता है जिसमें रोगी को चलने फिरनें में असमर्थ हो जाता है। दर्द के कारण जोड़ों में सूजन और कड़ापन महसूस होने लगता है। आज हम आपको जोड़ों का दर्द Jodo Ka Dard के बारें बताएंगे-
जोड़ों में दर्द का कारण
जोड़ो में दर्द होने के कई कारण हो सकते है जिसमें चोट और संक्रमण शामिल है। जोड़ों के दर्द को गठिया और मांसपेशियों के दर्द के साथ जोड़कर भी देखा जाता है। यह जोड़ो का दर्द मानव शरीर को काफी नुकसान पहुंचा सकता है। जोड़ो में दर्द होने के कुछ कारण निम्न हो सकते है-
1.वायरस के संक्रमण के कारण
2.चोट लगने के कारण
3.गठिया रोग के कारण
4.मोच आने के कारण
5.लिंगामेंट या टेंडन में क्षति पहुंचने के कारण
6.मांसपेशियों और हड्डी को जोड़ने वाले ऊतक में सूजन
7.बर्साइटिस के कारण
जोड़ो में दर्द के लक्षण
जोड़ों में दर्द उठने के लक्षण का पता लोग आसानी से लगा सकते है क्योंकि इसमें शरीर के जोड़ वाले भाग जैसे घुटने,कुहनी और कूल्हों में दर्द का अनुभव होता है। जोड़ों में दर्द होने के कुछ कारण निम्न हो सकते है-
1.जोड़ो में अकड़न होना
2.जोड़ो में दर्द होना
3.जोड़ो में लालिमा छाना और सूजन महसूस होना
4.जोड़ो में लचीलेपन में कमी आना
5.वजन घटना और थकान महसूस होना
6.चलने पर जोड़ वाले स्थानों में तेज दर्द होना
7.ज्यादातर सुबह के समय अकड़न होना
8.चलते,उठते और कुर्सी पर बैठते समय दर्द का एहसास होना
9.पैदल चलने में शरीर में दर्द होना
10.जोड़ वाले स्थानों पर खड़-खड़काने की आवाज आना
जोड़ों में दर्द का इलाज
जोड़ों के दर्द का इलाज काफी हद तक दर्द के कारण पर निर्भर करता है। यही कारण है कि आपका डॉक्टर पहले उन जोड़ों की जांच करेगा जहां आपको चोट लगी हुई हैं। एक बार दर्द का कारण निर्धारित हो जाने पर, डॉक्टर आपके लिए उपचार के सही तरीके से करता हैं।यदि आप गठिया से पीड़ित हैं, तो आपको दवाएं दी जाएंगी जो प्रतिरक्षा प्रणाली को दबाने के लिए जानी जाती हैं। यह जोड़ों में सूजन से छुटकारा पाने में मदद कर सकती है और पूरे जोड़ के दर्द को प्रबंधित करने में आपकी सहायता कर सकता है। यदि जोड़ों में दर्द का कारण चोट है तो पहले दवाओं के जरिए उसपर रोकथाम करने की कोशिश की जाती है। डॉक्टर आपको कुछ दर्द निवारक दवाओं के सेवन का सलाह दे सकता है जिससे रोगी के दर्द और सूजन में राहत मिल सकें। कुछ दर्द निवारक दवाएं निम्न है-पैरासिटामोल, डायक्लोफेनैक और इबुप्रोफेन आदि। लेकिन इन दवाओं का उपयोग से भी अगर दर्द और सूजन में राहत नहीं मिल पाती है तो डॉक्टर आपको कुछ जांच परीक्षण करवाने की सलाह दे सकता है। दर्द और सूजन को कम करने के लिए कुछ दर्द निवारक स्प्रे और क्रीम का उपयोग कर सकते है जिससे कि जोड़ों के दर्द में काफी आराम मिल सकता है। मांसपेशियों और जोड़ों के कार्यशीलता को बनाए रखने के लिए आप कुछ व्यायामों का सहारा ले सकते है। गर्म पट्टी और गर्म पानी से जोड़ों के दर्द वाले स्थान पर आप सिकाई कर सकते है जिससे दर्द से राहत मिल सकता है।
जोड़ों में दर्द होने पर बचाव
बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों में कमजोरी आ जाती है जिसके लिए कुछ ऐसा करने की कोशिश करे जिससे हड्डियों में कमजोरी और मांसपेशियों शिथिलता नहीं आए। जिसके लिए सबसे ज्यादा आवश्यक है कि आप संतुलित और पौष्टिक आहार का सेवन करें जिसमें सभी प्रकार के प्रोटीन और खनिज तत्व शामिल हो। विटामिन डी की कमी होने पर शरीर के हड्डियों में दर्द की शिकायत होने लगती है। इसलिए प्रतिदिन धूप का सेवन और व्यायाम करना चाहिए। हम आपको कुछ उपाय बता रहे है जिसको अपनाने से आप जोड़ों के दर्द की समस्या से दूर रहेंगे-
1.खान-पान पर विशेष ध्यान रखें।
2.अपने दिनचर्या में व्यायाम और योग को शामिल करें।
3.गरम पट्टी और हीट थेरेपी को अपनाकर दर्द से राहत पा सकते है।
4.रोजाना 6-7 लीटर पानी का सेवन जरुर से करें।
5.मीट,अंडे,सोयाबीन,दाल और मूंगफली को अपने भोजन की थाली में शामिल करें।
6.फिजियोथेरेपी से भी जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है।