गठिया रोग एक प्रकार से जोड़ो की सूजन होती है इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को शरीर के किसी भी जोड़ पर दर्द का अनुभव हो सकता है और यह एक से अधिक स्थानों को प्रभावित कर सकती है।जब हड्डियों के जोड़ो में यूरिक एसिड जमा हो जाता है तो वह गठिया का रुप धारण कर लेती है।गठिया रोग के लक्षण आमतौर पर धीरे-धीरे विकसित होता है लेकिन कभी-कभी यह अचानक से भी दिखाई दे सकता है। गठिया रोग ज्यादातर 60 वर्ष से अधिक उम्र वालों में देखने को मिलता है,हालांकि ये रोग बच्चों और जवानों में भी विकसित हो सकता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को गठिया रोग अधिक होता है। विशेषज्ञों की माने तो इस रोग के 100 से अधिक प्रकार के होते है। यह रोग अधिक बढ़ने पर मरीज के जोड़ों में असहनीय दर्द होता है।गठिया रोग कई प्रकार के होते है जैसे-एक्यूट,आस्टियो,रुमेटाइट,गाउट आदि।
गठिया रोग के लक्षण
गठिया के किसी भी रूप में जोड़ों में सूजन दिखाई देने लगती है। इस सूजन के चलते जोड़ों में दर्द, जकड़न और फुलाव होने लगता है। रोग के बढ़ जाने पर तो चलने-फिरने या हिलने-डुलने में भी परेशानी होनेलगती है। गठिया रोग में चलने में दिक्कत होती है।सामान्य चोटें ऑस्टियो आर्थराइटिस का कारण बन सकती है।घुटने,कूल्हे,कंधे,हाथ और पूर शरीर के किसी भी जोड़ में आप गठिये के दर्द का अनुभव कर सकता है।रुमेटी गठिया के होने पर थकान महसूस कर सकते है।गठिया रोग में हाथ-पैर में गांठे बन जाती है और बाद में यह गंभीर रुप धारण कर लेती है।
गठिया रोग होने के कारण
कार्टिलेज जोड़ो का एक नर्म और लचीला ऊतक है जब आप चलते है तो जोड़ो पर दबाव पड़ता है तो यह प्रेशर और शॉक को अवशोषित कर लेता है। कार्टिलेज ऊतको की मात्रा में कमी होने के कारण कई प्रकार के गठिया रोग होते है।
महिलाओं में एस्ट्रोजन की कमी के कारण
शरीर में आयरन व कैल्सियम की अधिकता
शरीर में पोषण की कमी
अधिक मोटापा के कारण
ज्या दा शराब के पीने से
हाईब्लोड प्रेशर होने के कारण
किडनियों को ठीक प्रकार से काम ना करने के कारण
गठिया रोग का इलाज
गठिया का इलाज इसके लक्षणों के अनुसार सुधार और जोड़ों का इलाज किया जाता है। गठिया के इलाज के लिए दवाइयां प्रमुख रुप से निर्भर करती है। ज्यादातर गठिया रोग के इलाज में ये दवाइयां रोगियों को दी जाती है-
दर्द कम करने वाली दवाएं- इन दवाओं से दर्द को काफी हद तक कम तो हो जाता है लेकिन इसका असर सूजन कम करने पर नहीं हो पाता है। एसिटामिनोफेन दर्द कम करने वाली दवाओं में से एक है।
कांउटर इर्रिटेन्ट्स नामक दवा दर्द को रोकने के लिए दर्द वाले जोड़ो के स्थान पर लगाया जाता है। कुछ प्रकार के गठिया रोग का इलाज शारीरिक व्यायाम द्वारा भी ठीक किया जा सकता है। व्यायाम करने से मांसपेशियां भी मजबूत होती है।
गठिया रोग इलाज के लिए सर्जरी
अगर आपका रोग दवाइयां से ठीक नहीं होता है और दर्द प्रतिदिन बढ़ता ही जाता है तो डॉक्टर इसको ठीक करने के लिए सर्जरी का सलाह दे सकते है।सर्जरी के जरिए जोड़ो की सतह को चिकना करना दिया जाता है जिससे यह पुन-संगठित हो जाता है और जोड़ो का दर्द काफी कम हो जाता है।कुछ मामलों में घुटनों के जोड़ को बदल देते है और एक कृत्रिम जोड़ा प्रस्थापित कर दिया जाता है।ज्वाइंट फ्यूजन के जरिए दो हड्डियों को आपस में जोड़ा जाता है यह अक्सर छोटे जोड़ो को ठीक करने के लिए किया जाता है इसमें कलाई और उंगलियां शामिल है।
गठिया रोग को ठीक करने के लिए कुछ अन्य उपचार भी कारगर साबित हो सकते है-
एक्यूपंचर-इस चिकित्सा के जरिए कई प्रकार के दर्द को कम करने के लिए त्वचा के विभिन्न विशिष्ट बिंदुओं पर सुई डाली जाती है।
ग्लूकोसेमिन- तेज दर्द वाले लोगों को यह दवा लेने से काफी आराम मिलता है।
योग- योग करने से जोड़ो का लचीलापन दूर होता है जिससे इसके दर्द में काफी आराम मिलता है।
मालिश- जोड़ों में तेल की मालिश करने से यह खून के बहाव को बढ़ा देती है और इससे जोड़ो के दर्द से राहत मिलती है।
जोड़ो के दर्द से बचाव
गठिया एक गंभीर बीमारी है जिसका उपचार सही वक्त पर शुरु होना चाहिए नहीं तो यह आगे चलकर बहुत ही कष्टदायक हो जाता है। संतुलित आहार और आसान जीवन शैली से आप इस बीमारी से दूर रह सकते है। गठिया रोग होने का कारण जरुरत से ज्यादा यूरिक एसिड का जमा होना होता है। आमतौर पर रोगी इस बीमारी में दवाइयों पर निर्भर रहते है। इस बीमारी का कोई स्थाई इलाज नहीं है। सही वक्त पर आप इलाज करवाकर और हल्के व्यायाम करके आप इस बीमारी से बच सकते है।