स्तन कैंसर स्तन की कोशिकाओं में शुरू होने वाला एक ट्यूमर है जो शरीर के अन्य उत्तकों एवं बाकी हिस्सों को भी प्रभावित कर सकता है। यह महिलाओं एवं पुरूषों दोनों में हो सकता है। यद्यपि पुरूषों में यह दुर्लभ ही देखने को मिलता है। इसकी सबसे पहली निशानी यह होती है कि स्तन और निप्पल में गांठ महसूस होती है और उसमें से तरल पदार्थ भी निकलता है। यह कोशिकाओं के बढ़ जाने के कारण होता है और इससे शरीर के अन्य अंगों में भी बढ़ने का खतरा पैदा होता है।
स्तन कैंसर के कारण
स्तन कैंसर होने के बहुत सारे कारण हो सकते है मुख्यत महिलाओं का देरी से विवाह इसका मुख्य कारण माना गया है। इसके अलावा धूम्रपान और मदिरा सेवन और पान मसाला का सेवन भी स्तन कैंसर के कारण को बढ़ावा देता है। देर से स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसकी आशंका अधिक रहती है। बच्चे देर से पैदा करना, बच्चे को स्तनपान नहीं करना, वजन में अत्यधिक वृद्धि होना आदि कारण होते है। । इसके अलावा अनुवांशिक रूप से भी स्तन कैंसर की बीमारी होना संभव है। स्तन कैंसर से बचने के लिए महिलाओं को खास तौर पर जागरुक रहने की आवश्यकता होगी और समय-समय पर अपने स्तन कैंसर की जांच करवानी होगी। महिलाएं अपने स्तन का परीक्षण मैमोग्राफी के द्बारा करवा सकती हैं। इस परीक्षण से रोग की पहचान करने और पता लगाने के रुप में किया जाता है। मैमोग्राफी के परीक्षण से स्तन कैंसर का शुरूआती दौर में ही पता लगाया जा सकता है।
स्तन कैंसर के लक्षण
स्तन कैंसर के लक्षण भारत में जितने भी कैंसर के मरीज पाए जाते है उनमें से सबसे अधिक स्तन कैंसर के मरीज पाए जाते है। स्तन कैंसर के शुरूआत में महिलाओं के शरीर में बहुत मामूली परिवर्तन पाए जाते है जिस कारण महिलाएं उसे नजरअंदाज कर जाती है जिससे आगे चलकर यह गंभीर रूप धारण कर लेता है। स्तन कैंसर से संबंधित कुछ लक्षण अक्सर देखने को मिलते है और यही लक्षणों को पहचानकर महिलाएं डॉक्टर के पास जाती है। ये लक्षण निम्न प्रकार के हैं:-
· महिलाओं के स्तन में दर्द
· स्तन में गांठ महसूस होना
· चुचुक के चारों तरफ की त्वचा गीली महसूस होना
· स्तन के आकार में परिवर्तन होना
· स्तन में सूजन का होना
· स्तन के त्वचा में लालिमा छाना और दाने जैसा महसूस होना
महिलाओं को अपने स्तनों का स्वयं परीक्षण करने का ज्ञान होना चाहिए। अपने स्तनों की महसूस कीजिए और अगर स्तन में किसी भी प्रकार का परिवर्तन लगता है, तो तुरन्त चिकित्सक से सलाह लें।
स्तन कैंसर के उपचार
सभी महिलाओं को 30 साल की उम्र के बाद प्रति वर्ष क्लीनिकल ब्रेस्ट परीक्षण अवश्य कराना चाहिये। अस्पताल में स्तन परीक्षण एक डॉक्टर, नर्स या चिकित्सा संबंधी सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा किया जाता है। इस जाँच में चिकित्सक पहले आपके स्तन के निप्पल त्वचा, आकार या आकृति में असामान्यताएँ या हुए परिवर्तन को सावधानी पूर्वक देखेगा जिससे कि लिम्फ नोड्स की किसी भी सूजन का पता लगाया जा सकें। अगर कीमोथेरेपी से आपका रोग सही हो सकता है तो ठीक नहीं तो डॉक्टर आपके गांठ को ऑपरेशन के जरिए बाहर निकाल देगा। लेकिन कुछ केसों में पूरा स्तन ही निकाल देना पड़ता है जिस (मास्टेकोमी) कहा जाता है। इसके बाद मरीज़ को अधिक दवाइयां दी जाती हैं।
स्तन कैंसर को रोकने के उपाय:
स्तन कैंसर होने पर रोगियों को बहुत घबराने की जरुरत नहीं है क्योंकि सही समय से उपचार के शुरु होने से इसका निदान पूर्णत संभव है। हम आपको कुछ उपाय बता रहे है जिसे अपनाकर आप काफी हद तक इस रोग से बचा जा सकता है-
· नियमित रुप से काली चाय के सेवन से आप स्तन कैंसर के रोग से बच सकते है, क्योंकि इसमें एपिगैलो कैटेचिन गैलेट नामक तत्व पाया जाता है जो ट्युमर की कोशिकाओं के वृद्धि होने से रोकता है।
· चाय को अत्यधिक गर्म करके पीना भी स्तन कैंसर का कारण हो सकता है, क्योंकि गर्म तापमान कैंसर कोशिकाओं में वृद्धि करते हैं। ऐसे में हल्की गर्म चाय का ही सेवन करें।
· विटामिन सी भी आपको स्तन कैंसर से बचाता है। यह आपके प्रतिरक्षी तंत्र को मजबूत करके कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है।
· ग्रीन टी सेवन भी स्तन कैंसर से रक्षा करने में सहायक है। इसमें पाए जाने वाले एंटी-इन्फ्लैमेटरी गुण स्तन कैंसर को बढ़ने से रोकने में मदद करते हैं।
· विटामिन डी का सेवन कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि रोकने में सहायक है। इसके लिए दूध व दही का सेवन करना फायदेमंद होता है।
इसके अलावा आप यह उपाय भी अपना सकते है-
· शरीर के वजन को संतुलित बनाये रखें।
· नियमित रूप से व्यायाम करें।
· धूम्रपान एवं अत्याधिक शराब से बचें।
· बच्चे को स्तनपान कराएं।
· नमक का अत्यधिक सेवन न करें
· रेड मीट के अधिक सेवन से बचें
· सूर्य के तेज किरणों के प्रभाव से बचें
· गर्भनिरोधक गोलियों का लगातार सेवन करने से पहले चिकित्सकीय परामर्श लें।