अक्सर आपको तेजी के साथ ठंड लगने लगती है तो यह हाइपोथर्मिया का लक्षण हो सकता है यह रोग अधिकतर कम उम्र के बच्चों और बूढ़ों में पाया जाता है जिनके शरीर का तापमान तेजी से गिरने के कारण उन्हें ठंड का अनुभव होता है। हाइपोथर्मिया होने का एक कारण शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना भी पाया जाता है। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको हाइपोथर्मिया रोग के कारण, लक्षण और बचाव के बारें में जानकारी देंगे-
हाइपोथर्मिया होने के कारण - Causes Of Hypothermia In Hindi
हाइपोथर्मिया होने पर लोगों के शरीर में तेजी से तापमान गिर जाता है और पूरी शरीर ठंडी हो जाती है इस रोग में शरीर का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से नीचे गिर जाता है। यह रोग अधिकतर तब होता है जब मनुष्य का ठंडें पानी और अधिक ठंड के मौसम में बाहर निकलता है। इसके साथ ही आपके शरीर में थकान व पानी के कमी के कारण भी होता है ज्यादातर लोग इस रोग के बारें में अंजान रहते है और समय के साथ यह रोग बढ़ता ही जाता है। यदि शरीर का तापमान 32 डिग्री के सेल्सियस से कम हो जाता है यह रोग बेहद गंभीर हो जाता है। हाइपोथर्मिया होने के कारण निम्नलिखित हो सकते है-
1- मौसम कारक- आप जिस स्थान पर रहते है वहां का तापमान कैसा है यह रोग उस स्थान पर भी निर्भर करता है जो शरीर के तापमान को गिरा दे। जिस क्षेत्र का तापमान अक्सर बेहद कम रहता है वहां पर ठंड भी अधिक होती है जो इस रोग के होने के कारकों में से एक है।
2- गंभीर बीमारियां- मानव शरीर में कुछ गंभीर बीमारियों जैसे- शुगर, गठिया, हाइपोथायरायडिज्म, कार्डियोवैस्कुलर जैसे बीमारी से पीड़ित लोगों को हाइपोथर्मिया रोग होने का खतरा अधिक होता है और कुपोषण से ग्रसित बच्चों और वयस्कों में भी यह बीमारी होने की संभावना अधिक होती है।
3- मौसम के अनुसार वेशभूषा- ज्यादातर लोग ठंड के मौसम में भी ज्यादा गर्म कपड़ों को नहीं पहनते है जबकि उन्हें ठंड महसूस होती है इस कारण उनका शरीर ठंडा पड़ता है और उन्हें हाइपोथर्मिया होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है। कुछ ठंड के मौसम में अधिक समय तक घर के बाहर ठंडें स्थानों पर रहते है जिस कारण शरीर के तापमान में गिरावट आने के कारण हाइपोथर्मिया रोग हो जाता है।
4- शराब व नशीली दवाओं का सेवन- शराब और नशीली पदार्थों के सेवन के बाद लोगों में भ्रम होता है कि यह उनके शरीर में तेजी से गर्मी को उत्पन्न करता है जबकि वास्तव में शराब के सेवन से रक्त शिराएं फैल जाती है जिससे शरीर का तापमान बहुत ही तेजी के साथ घटता है जो हाइपोथर्मिया के होने के कारण बनता है।
हाइपोथर्मिया के लक्षण - Symptoms Of Hypothermia In Hindi
जब मानव शरीर तेजी के साथ तापमान को खोने लगता है तो यह हाइपोथर्मिया होने का संकेत माना जाता है हाइपोथर्मिया होने के कुछ लक्षण निम्न प्रकार से है हालांकि डॉक्टर के परीक्षण के उपरांत ही इसके होने की पुष्टि की जा सकती है-
1- सांस लेने में तकलीफ
2- थकान व कमजोरी
3- सांस गति में बढ़ोत्तरी
4- शरीर का ठंडा होना
5- बोलने में कठिनाई महसूस होना
अगर हाइपोथर्मिया बीमारी बढ़ जाए तो उसके रोगियों में निम्न प्रकार के लक्षण पाए जाते है-
1- बेहोशी या चक्कर
2- अधिक ठंड के साथ कपकंपी महसूस करना
3- पूरा शरीर ठंडा पड़ना
4- मांसपेशियों में अकड़न
6- अधिक नींद आना
हाइपोथर्मिया का इलाज - Treatment On Hypothermia In Hindi
लोगों में हाइपोथर्मिया होने के प्रकार पर उसके रोग का निदान करना संभव होता है क्योंकि सामान्य होने पर थोड़े उपचार के बाद रोगी का राहत मिल जाती है। अधिक गंभीर समस्या होने पर डॉक्टर द्वारा दवाओं व इंजेक्शन के जरिए शरीर के तापमान में वृद्दि करने का कोशिश की जाती है वहीं सीपीआर विधि के द्वारा भी सांस लेने में अधिक तकलीफ या सांस बंद होने की स्थिती में रोगी को राहत प्रदान करने का कार्य किया जाता है। वही इस रोग के लक्षण नजर आने पर आप घर पर रोगी की अच्छी तरह से देखभाल करें और उन्हें ठंड लगने की स्थिति से उनकी सुरक्षा करें। अगर उस समय रोगी में गीले या हल्के कपड़ें पहना हो तो गीलें कपड़े को उतारकर आप रोगी अच्छी तरह से कंबल से ढ़क दें। उसे गर्म पेय पदार्थ और सूप को दें। रोगी के बेहोशी की स्थिती होने पर आप उसे किसी भी तरल पदार्थ नहीं दें।
हाइपोथर्मिया से बचाव - Prevention On Hypothermia In Hindi
हल्के और मध्यम प्रकार के हाइपोथर्मिया से बचने के लिए जब आपको ठंड का एहसास हो तो आप अपने लिए किसी गर्म स्थान को खोजें ताकि आपके शरीर का तापमान और अधिक कम होने से रोका जा सकें। आप हाइपोथर्मिया से बचाव के लिए कुछ अन्य उपाय है जिन्हें अपनाकर आप इस रोग से काफी हद तक सुरक्षित रह सकते है-
1- छोटे बच्चों और वृद्धों का खासकर ठंड के मौसम में अधिक ख्याल रखें जिससे की उन्हें पर्याप्त मात्रा में हीटिंग मिलती रहे।
2- शराब और नशीली दवाओं का सेवन नहीं करें।
3- अगर आप कही यात्रा करने का मन बना रहे है तो मौसम के पूर्वानुमान की जांच अवश्य करें और भरपूर मात्रा में गर्म कपड़ें साथ में लेकर जाए।
4- अगर आप थकान महसूस करें रहे तो आप आराम करें जिससे कि आपके शरीर में गर्मी उत्पन्न होगी।
5- गर्म पेय पदार्थों में कैफीन युक्त पदार्थ जैसे चाय व कॉफी का सेवन नहीं करें।
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