जैसा कि हम सभी जानते है कि बदलते समय के साथ ही सभी लोगों में शारीरिक परिवर्तन देखने को मिलते है जब कोई लड़का या लड़की 16 साल के उम्र के पड़ाव को पार कर लेते है तो उनके शरीर और सोच में काफी सारे बदलाव होने लगते है। बात जब लड़कियों की होती है तो उनमें इस सिलसिले की शुरुआत 14 वर्ष की उम्र के साथ ही नजर आने लगती है और 16वें वर्ष तक उनमें काफी सारे बदलाव हो चुके होते है। उनके जीवन में कई सारे परिवर्तन होता हुआ नजर आने लगता है। आइए आज हम जानते है कि आखिर सोलह साल की उम्र में लड़कियों में किस तरह के परिवर्तन होते है-
लड़कियों में 16 वर्ष की उम्र में होने वाले अहम बदलाव
1-मासिक धर्म की शुरुआत- लड़कियों में अक्सर 13-16 साल की उम्र में लड़कियों में पीरियड्स की शुरुआत होती है। कई बार ऐसा देखा जाता है कि पीरियड्स के शुरुआत में रक्तस्त्राव होने की स्थिति में लड़कियां भयभीत हो उठती है और वे चिंता और तनाव की स्थिति में चली जाती है जिससे कि उनके शरीर में काफी कमजोरी नजर आने लगती है। ऐसी परिस्थिति होने पर माता को अपनी लड़की को इस स्थिति से अवगत कराना चाहिए ताकि वे उस परिस्थिति से निपटने के लिए पहले से तैयार रहे। 16 साल की उम्र में कई बार लड़कियां अनियमित पीरियड्स को लेकर काफी परेशान रहती है और इससे उनके स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाता है।
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2-शारीरिक परिवर्तन- 16 साल की उम्र में लड़कियों के हार्मोन में काफी सारे बदलाव होते है जिससे कि उनके शरीर में काफी परिवर्तन होते है। शारीरिक परिवर्तन में उनके हिप्स में बदलाव और स्तन के आकार में वृद्दि होने लगती है और यह परिवर्तन को साफ तौर पर नजर आने लगता है। इस उम्र के पड़ाव में लड़कियां न तो पूरी तरह से वयस्क होती है और न ही बाल्यकाल की अवस्था ऐसे परिस्थिती को अपनाने में लड़कियों को कई बार काफी परेशानी होने लगती है। इस उम्र में लड़कियों के आवाज में भी परिवर्तन होने लगता है।
3.अनचाहे बालों का उगना- इस उम्र के पड़ाव में लड़कियों के शरीर में कई स्थानों पर जैसे कि टांगो, जांघों और बाहों के नीचे काफी सारे अनचाहे बाल उग आते है। जिससे शरीर में कई बार दुर्गंध आना शुरु हो जाता है। यही वह समय होता है जब लड़कियां साफ-सुथरी और मेकअप का खास ख्याल रखने लगती है। इसी उम्र से लड़कियों को पार्लर की आवश्यकता महसूस होने लगती है।
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4.पसीनों से दुर्गंध- जब लड़कियों की उम्र 16 साल से अधिक हो जाती है तो उनके शरीर के हार्मोन में कई तरह के बदलाव होने लगते है और शरीर के पसीने में दुर्गंध आने का कारण बनती है। हालांकि लड़कियां साफ-सफाई और स्वच्छ कपडों को धारण करके इस तरह के दुर्गंध को समाप्त कर सकती है। इसी समय से लड़कियां साज-सज्जा के सामानों पर विशेष रुप से ध्यान रखने लगती है।
5.पुरुषों की तरफ आर्कषित- लड़कियां इस उम्र के पड़ाव में लड़को के तरह आकर्षित होने लगती है और उनके अंदर मित्र बनाने की इच्छा जागती है। हार्मोन में बदलाव के कारण लड़कियां विपरीत लिंग के तरफ आकर्षित होती है। जिससे उनमें पुरुष मित्र बनाने की इच्छा जागती है। इस उम्र के पड़ाव चेहरे के दाग और मुहांसे की समस्या भी हो जाती है।
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यह एक ऐसा उम्र का पड़ाव होता है जिसमें कई लड़कियां भटकने का शिकार भी हो जाती है और लोग उनका दुरुपयोग करने लगती है। ऐसे में उनके माता-पिता को चाहिए कि बच्चों के गतिविधियों पर नजर रखें और उन्हें ऐसे किसी भी गलत रास्ते पर जाने और भटकने से रोक सकें और उनका सही मार्गदर्शन कर सकें।