नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम में ट्विन पिट टॉयलेट का जिक्र करते वक़्त आईएएस अधिकारी परमेश्वरम अय्यर का जिक्र. किया तो उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। तस्वीर में वह में फावड़ा लेकर तेलंगाना के वारंगल जिला स्थित गंगादेवीपल्ली गांव में टॉयलेट के गटर की सफाई कर रहे हैं। परमेश्वरम अय्यर का जिक्र करते हुए मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि ''जब एक आईएएस अफसर खुद टॉयलेट के गड्ढे की सफाई करता हो, तो उसपर देश का ध्यान दिलाना हमारा दायित्व है। मीडिया को भी चाहिए की वह इस घटना को प्रचारित करे ताकि लोगों में जागरूकता फैल सके''
जानिये कौन है परमेश्वरम अय्यर ?
साल 2017 में आम बजट से पहले मोदी सकार ने अपनी अपनी तमाम स्कीमों का आंकलन पेश किया। सरकार द्वारा जारी की गई इस लिस्ट में जहाँ स्किल इंडिया और फसल बीमा योजना सबसे फिसड्डी साबित हुई वहीँ सरकार की सबसे सफलतम योजनाओं में 'स्वच्छ भारत अभियान' को माना गया। मोदी सरकार का स्वच्छ भारत अभियान शायद यह सफलता प्राप्त न कर पाता अगर वह देश छोड़ चुके पूर्व आईएएस अफसर परमेश्वरन अय्यर को वापस न बुलाती। स्वच्छ भारत अभियान के पीछे परमेश्वरन अय्यर की ही मेहनत और उनका काम है।
कौन हैं परमेश्वरन अय्यर ?
अय्यर 1981 बैच के यूपी कार्डर के आईएएस रहे हैं और उन्होंने आज से तकरीबन 8 साल पहले साल 2009 में वोलंटरी रिटायरमेंट ले लिया था। वोलंटरी रिटायरमेंट के बाद वह वर्ल्डबैंक के साथ जुड़ गए। इससे पहले अपनी सर्विस के दौरान अय्यर वर्ल्डबैंक में वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम में काम कर चुके थे और साल 2006 में आईएएस अफसर रहते उन्होंने ग्रामीण जल स्वच्छता को लेकर खूब काम किया। इस दौरान अय्यर कई देशों में गए जहाँ उन्होंने स्वच्छता को लेकर कई काम किये। इस दौरान वह विदेशों में रहते थे और इसको लेकर भारत सरकार ने उन्हें नोटिस तक जारी किया था। अंततः साल 2009 में उन्होंने नौकरी से रिटायरमेंट ले लिया।
वर्ल्ड बैंक में मिली खूब सराहना
परमेश्वरन अय्यर वर्ल्डबैंक में साल 2012 से जल आपूर्ति और स्वच्छता के मुद्दों पर काम कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने अमेरिका, मिस्र लेबनान, हनोई, वियतनाम जैसी जगहों पर काम किया। अय्यर के काम की सबसे ज्यादा सराहना वियतनाम में उनके द्वारा स्वच्छ जल को लेकर किये गए काम के लिए की गई।
कैसे आयी मोदी सरकार को परमेश्वरन अय्यर की याद ?
वर्तमान नरेन्द्र मोदी सरकार ने जब 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान स्कीम शुरू की तो सरकार के सामने महात्मा गांधी के सपनों को पूरा करना किसी चुनौती से कम नही था। इस मिशन की शरुआत सरकार ने बड़ी धूमधाम से की लेकिन 2 साल में इस अभियान की धार धीमी होने लगी। स्वच्छ भारत अभियान की कमान मोदी सरकार ने सबसे पहले गुजरात कार्डर के 1980 बैच के आईएएस अफसर विजय लक्ष्मी जोशी को दिया था। लेकिन उन्होंने अचानक नवम्बर 2015 में वॉलंटरी रिटायरमेंट ले लिया। ऐसे में सरकार को फ़रवरी 2016 में परमेश्वरन अय्यर की याद आयी।
3 फ़रवरी 2016 को मोदी सरकार ने उन्हें वापस बुलाकर स्वच्छ भारत अभियान में स्वच्छता विशेषज्ञ बना दिया। सरकार ने उन्हें स्वच्छ भारत अभियान में संयुक्त सचिव बनाया। अय्यर को भले ही कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर दो साल के लिए पद दिया गया है लेकिन यह अपने आप में पहली बार हुआ है जब सरकार ने एक रिटायर आईएएस अफसर को सरकार के सबसे बड़े मिशन की जिम्मेदारी सौंपी। स्वच्छ भारत अभियान में परमेश्वरन अय्यर का प्रदर्शन तमाम रिटायरमेंट ले चुके आईएएस अफसरों के लिए प्रेरणादायक भी है। पिछले दो साल के दौरान स्वच्छ भारत अभियान के तहत देश में सबसे ज्यादा शौचालय बने।