बुविवि के ललित कला संस्थान में चित्रकला प्रतियोगिता. सपना प्रथम
झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के ललित कला संस्थान में आज डा. भीमराव अंबेडकर की पुण्य तिथि पर चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसमें वक्ताओं ने विद्यार्थियों से डा.बीआर अंबेडकर के जीवन मूल्यों. संघर्षों और आदर्शों से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। मुख्य अतिथि और अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. सुनील कुमार काबिया रहे। उन्होंने डा. अंबेडकर के कृतित्व और व्यक्तित्व का उल्लेख करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किए। उन्होंने कहा कि हमें अपने महापुरुषों के बारे में अधिक से अधिक अध्ययन कर समाज को नई दिशा में ले जाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने युवाओं से कहा कि वे समाज में ज्ञान का प्रकाश फैलाने में अहम भूमिका निभाएं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कला संकाय के अधिष्ठाता प्रो. सीबी सिंह ने की। प्रो. सिंह ने कहा कि डा. अंबेडकर का जीवन प्रतिकूलताओं से दो दो हाथ करने का संदेश देता है। हमें सामाजिक विसंगतियों को दूर करना है यही डा. अंबेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
विशिष्ट अतिथि बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक राजबहादुर ने कहा कि हमें डा. अंबेडकर के आदर्शों को आत्मसात करना चाहिए। उन्होंने कहा कि डा. अंबेडकर महान विचारक. सुधारक होने के साथ ही साथ महान चित्रकार भी थे। ज्योतिबा फूले और उनके संघर्षों को भी रेखांकित किया। डा. अंबेडकर उठ खड़े होने का जज्बा है। विपरीत हालात से लड़ने और उस पर विजय हासिल करने का जज्बा देता है। युवा यदि मन बना लें तो समाज में उचित बदलाव लाया जा सकता था।
चित्रकला प्रतियोगिता में सपना श्रीवास प्रथम. रश्मि कुशवाहा द्वितीय. मोहित कुमार तृतीय रहे। इन सभी को प्रमाणपत्र और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। इसमें निर्णायक के रूप में डा. कुंती हरिराम और कामिनी बघेल उपस्थित रहीं। शुरुआत में ललित कला संस्थान की समन्वयक डा. सुनीता ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने डा. अंबेडकर के कृतित्व को रेखांकित किया। उन्होंने विद्यार्थियों से डा. अंबेडकर के जीवन और संघर्ष से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।
कर्मचारी नेता डा. पुष्पा गौतम ने भी डा. अंबेडकर को वंचित वर्ग के लोगों का उद्धारक बताते श्रद्धासुमन अर्पित किए। डा. रामशंकर भारती ने भी विचार रखे। उन्होंने कहा कि आज भी दलित समाज के लोगों की स्थितियां दयनीय हैं।
इस कार्यक्रम में जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान के समन्वयक जय सिंह. उमेश शुक्ल. राघवेंद्र दीक्षित. अभिषेक कुमार. सतीश साहनी. ललित कला संस्थान के डा. अजय कुमार गुप्त. डा. बृजेंश सिंह परिहार. डा. श्वेता पाण्डेय. दिलीप कुमार. कमलेश कुमार. डा. बलवीर सिंह. डा. देवेंद्र कुमार समेत अनेक लोग उपस्थित रहे। संचालन समाज कार्य संस्थान के डा. मुहम्मद नईम ने किया।