कौन उठाएगा सवाल
चुनाव प्रक्रिया में अब तक
किए गए जितने भी सुधार
वे लोकतंत्र को धनिकों की
रखैल बनाने में ही मददगार
गरीब नेता तो लड़ ही नहीं
सकते अब कोई भी चुनाव
नियमों प्रावधानों में इस तरह
के कर दिए गए हैं बदलाव
लोकतंत्र पर बढ़ता जा रहा
धनकुबेरों का एकाधिकार
किसानों. मजदूरों और गरीबों
के हिस्से में बस दावे धुआंधार
कौन उठाएगा संसद में किसानों
की समस्याओं पर सही सवाल
जब संसद में नहीं पहुंच पाएंगे
सामान्य धरती पुत्रों के लाल