हाव. भाव और व्यवहार
कर देते प्रेम का इजहार
नहीं जरूरी कहना किसी
से कि हमें है तुमसे प्यार
आत्माओं को खुद मिल
जाते आध्यात्मिक संदेश
प्रिय की पहचान में होती
नहीं कभी भी उन्हें क्लेश
ईश्वर ही मनुष्य को सौंपते
खुशी से प्रेम का खजाना
पर यह सिर्फ उसे ही मिलता
जो जाने मनुज धर्म निभाना
पशु.पक्षी तक भी समझते हैं
प्यार के भावभरे सब संदेश
भले वो भावों के प्रकटन में
सक्षम नहीं मनु जैसे विशेष