"देशज गीत" सजरिया से रूठ पिया दूर काहें गइलनजरिया के नूर सैंया दूर काहें कइलरचिको न सोचल झुराइ जाइ लौकीकोहड़ा करैला घघाइल छान चौकीबखरिया के हूर राजा दूर काहें गइल..... सजरिया से रूठ पिया दूर काहें गइलकहतानि आजा बिहान होइ कइसेझाँके ला देवरा निदान होइ कइसेनगरिया के झूठ सैंया फूर काहें कइल..... सजरिया स
“देशज गीत” जिनगी में आइके दुलार कइले बाटगज़ब राग गाइके सुमार कइले बाटनीक लागे हमरा के अजबे ई छाँव बा कस बगिया खिलाइ के बहार कइले बाट॥......जिनगी में आइके दुलार कइले बाटफुलाइल विरान वन चम्पा चमेलीकान-फूंसी करतानी सखिया सहेलीमनवा डेरात मोरा पतझड़ पहारूरात-दिन सावन जस फुहार कइ
“देशज गीतिका” सैयां हमार कोतवाली में धरा गइले प्रेम पति दलाली में चौमुख चरचा भइल कोतवाल के सिप्पा लगवले बहाली मेंथाना पुलिस न राखे उधारी सम्मन पकड़ि गइलें ससुरारीपहिली अपील पर खुलल किवाड़ी चौका पुरवले दिवाली में॥पकल पकौड़ी भुलाइल अँगना धन्नो धाक दबाइल सजना कुर्सी के फुर्ती प