सुनो ये रोचक और सुंदर वर्णन हरी चरणों में यह गाथा है अर्पण थी एक सुंदर सुकुमारी वृंदा नाम की ये राजकुमारी बड़ी ही थी प्यारी धर्म रखती वो बड़ी आस्था हरी दर्शन प्यासी तकती हरी का रास्ता विष्णु भक्त थी व
प्रिय सखी ।कैसी हो ।हम अच्छे है ।आज घर पर ही थे सोचा थोड़ा सिलाई ही कर लिया जाए। सालों से बंद बक्से से मशीन निकाली ।और सिलने बैठे ।तो हाथ ही दुखने लगे ।हमने तो रख दी एक तरफ मशीन ।अब बस हमसे नही
🙏🌹🌹 देव उठनी एकादशी 🌹🌹🙏🌷🌷🌷🌷🌷✍️🌷🌷🌷🌷🌷🌷तुलसी कहते स्मर्ण हों आता ,प्यारी मईया मोर ,विष्णु प्रिया मईया हमारी ,दैव उठनी एकादशी तोर ।जिस दिन चतुर्मास समापन ,भगवन् नेत्र खोले मुस्काए ,चार मा
वैसे तो साल में बारह एकादशी आती है किन्तु देवउठानी एकादशी जब आती है तब ऐसी मान्यता है की इस एकादशी को देव उठ जाते हाई और जो देव इस एकादशी को उठते है उनको हम भगवान विष्णु के नाम से जानते है वह योग निद्
वैसे तो साल में बारह एकादशी आती है किन्तु देवउठानी एकादशी जब आती है तब ऐसी मान्यता है की इस एकादशी को देव उठ जाते हाई और जो देव इस एकादशी को उठते है उनको हम भगवान विष्णु के नाम से जानते है वह योग निद्
वैसे तो साल में बारह एकादशी आती है किन्तु देवउठानी एकादशी जब आती है तब ऐसी मान्यता है की इस एकादशी को देव उठ जाते हाई और जो देव इस एकादशी को उठते है उनको हम भगवान विष्णु के नाम से जानते है वह योग निद्
वैसे तो साल में बारह एकादशी आती है किन्तु देवउठानी एकादशी जब आती है तब ऐसी मान्यता है की इस एकादशी को देव उठ जाते हाई और जो देव इस एकादशी को उठते है उनको हम भगवान विष्णु के नाम से जानते है वह योग निद्
वैसे तो साल में बारह एकादशी आती है किन्तु देवउठानी एकादशी जब आती है तब ऐसी मान्यता है की इस एकादशी को देव उठ जाते हाई और जो देव इस एकादशी को उठते है उनको हम भगवान विष्णु के नाम से जानते है वह योग निद्
श्रीमद भगवत पुराण के अनुसार प्राचीन काल में जलंधर नामक राक्षस ने चारों तरफ़ बड़ा उत्पात मचा रखा था। वह बड़ा वीर तथा पराक्रमी था। उसकी वीरता का रहस्य था, उसकी पत्नी वृंदा का पतिव्रता धर्म। उसी के प्रभा
हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन से बरसात के मौसम की विदाई और देवों के जागने का समय होता है जिसके कारण हिन्दू धर्म में शादियां शुरू हो जाती है।इससे पहले हिन्दू धर्म की
देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाहहिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है। साल भर कुल 24 एकादशियां आती हैं जिसमें से कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की देवोत्थान एकादशी का विशेष महत्व होता है। एकादशी व
हमारे भारतीय समाज में दीपावली के ग्यारह दिन बाद देवउठनी एकादशी (तुलसी विवाह) मनाने की सुदीर्घ परंपरा है। इस विषय में अलग-अलग क्षेत्रों में इसे मनाये जाने के पीछे अपनी-अपनी मान्यताएं व लोक
आज देवउठनी एकादशी है। हर साल कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु निद्रा से जागते हैं। भगवान विष्णु को तुलसी अति प्रिय हैं। तुलसी के बिना भगवान विष्णु की पूजा अधूरी मानी जाती है। ऐसा कहा ज