दीप तुम महान हो !!
अँधेरी रातों में,
प्रियतम के हांथों में ,
हीरे से दिखते हो,
किरणों की खान हो!
दीप तुम महान हो !!
अति शांत चित्त हो,
बड़े ही पवित्र हो ,
यामिनी की छाती पर ,
सदा विद्यमान हो !
दीप तुम महान हो !!
भक्ति के प्रतीक हो,
ह्रदय के समीप हो ,
पथिकों के मित्र हो ,
पतंगों की जान हो !
दीप तुम महान हो !!
किया कोई पाप है ,
या कोई श्राप है ,
सदियों से जलते हो,
क्यों परेसान हो ?
दीप तुम महान हो !!